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योगी ने पूछा, 'किस किस को काम नहीं मिला'..., राज्यमंत्रियों से मिला ये जवाब

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यमंत्रियों के साथ बैठक की. ये बैठक 'काम के उचित वितरण' के मुद्दे पर थी. इस बैठक की शुरुआत में ही योगी आदित्यनाथ ने सभी राज्यमंत्रियों से पूछ लिया, 'किस किस को काम नहीं मिला'. जिसका जवाब...

News Nation Bureau
| Edited By :
29 Sep 2022, 03:48:48 PM (IST)

highlights

  • योगी आदित्यनाथ ने की राज्यमंत्रियों के साथ की बैठक
  • बुधवार की बैठक में दूर की राज्यमंत्रियों की समस्याएं
  • सभी राज्यमंत्रियों ने योगी आदित्यनाथ के सामने जताई संतुष्टि

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यमंत्रियों के साथ बैठक की. ये बैठक 'काम के उचित वितरण' के मुद्दे पर थी. इस बैठक की शुरुआत में ही योगी आदित्यनाथ ने सभी राज्यमंत्रियों से पूछ लिया, 'किस किस को काम नहीं मिला'. जिसका जवाब राज्यमंत्रियों ने एक साथ दिया और कहा कि उन्हें काम मिल गया है. दरअसल, पूर्व में कुछ राज्यमंत्रियों ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई थी कि उनके पास कोई काम ही नहीं है. यही नहीं, अधिकारी तक उनकी नहीं सुनते. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने सभी कैबिनेट मंत्रियों को निर्देश दिये थे कि वो अपने डिपार्टमेंट के राज्यमंत्रियों को जरूरी काम सौंपे और उनके पास काम की कमीं न होने पाए. 

बैठक के बाद संतुष्ट नजर आए सभी राज्यमंत्री

योगी आदित्यनाथ ने बैठक में साफ कहा कि राज्यमंत्रियों को जो काम मिले, वो काम पूरी इमानदारी से हो. अधिकारियों पर भी नजर रखी जाए. सहायकों को इस बात के निर्देश दिये जाएं कि दफ्तर में बाहरी आदमी कोई मोबाइल लेकर न आए. योगी आदित्यनाथ की ये बैठक करीब 1 घंटे तक चली, जिसके बाद सभी राज्यमंत्री संतुष्ट नजर आए. इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने राज्यमंत्रियों से कहा कि अधिकारियों पर भी नजर रखने को कहा. साथ ही ये भी कहा कि अगर कोई अधिकारी टालमटोल करता है, तो उसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जाए. 

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दिनेश खटीक ने लगाए थे गंभीर आरोप

गौरतलब है कि बीते जून में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ये आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी कि उनके ही विभागीय अधिकारी उनकी नहीं सुनते. क्योंकि वो दलित हैं. उन्होंने अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा भी कई राज्यमंत्रियों ने काम न मिलने की शिकायत की थी. जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने खुद पूरा मामला अपने हाथ में लिया और सभी राज्यमंत्रियों को काम आवंटित करने का निर्देश दिया.