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CAA: हिंसा में शामिल उपद्रवियों पर योगी सरकार लगाएगी NSA, संपत्ति होगी सील

सरकार लखनऊ में हुई हिंसा में शामिल 250 उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की भी तैयारी है. पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भड़काने के मामले में कार्रवाई करने के लिए 13 हजार से ज्यादा संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की

News Nation Bureau
| Edited By :
22 Dec 2019, 01:28:29 PM (IST)

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर हुई हिंसा मामले में सरकार ने अब कार्रवाई शुरू कर दी है. हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचानेवालों पर कार्रवाई के लिए संपत्ति को हुए नुकसान के आंकलन के लिए चार सदस्यीय कमिटी बनाई है. अब सरकार लखनऊ में हुई हिंसा में शामिल 250 उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की भी तैयारी है. पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भड़काने के मामले में कार्रवाई करने के लिए 13 हजार से ज्यादा संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की है. दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने कथित उपद्रवियों से जुड़ी 50 दुकानों को सील कर दिया है.

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उपद्रवियों की पहचान कर सरकार भेज रही नोटिस
सरकार हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेज रही है. लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि सात दिन के लिए नोटिस देने के बाद, मुआवजे के लिए संपत्तियों के मूल्य का आंकलन किया जाएगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री योदी आदित्यनाथ खुद कह चुके हैं कि हिंसा में शामिल लोगों से ही नुकसान की भरपाई की जाएगी. सीएम के इस बयान के बाद से ही सरकार ने उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.

मुजफ्फरनगर में 50 दुकानें सील
मुजफ्फरनगर में जिन उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी दुकानें सील की गई हैं उनमें ज्यादातर मीनाक्षी चौक और कच्ची सड़क इलाके की हैं. प्रशासन इस की जांच कर रहा है कि इन दुकानों को बंद क्यों रखा गया था. पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार होगी कार्रवाई
प्रदेश में हुई हिंसा के मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि आरोपियों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत ही कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर, 2018 को राज्य सरकारों के लिए एक सख्त आदेश पारित किया था. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी बनाया जाए. नुकसान की प्रतिपूर्ति उनसे ही की जानी चाहिए. कोर्ट ने हिंसा में शामिल और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपियों पर एजेंसियों को ऐसे लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है.