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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बसपा प्रमुख मायावती ने स्‍वागत किया, कहा- अब ठोस काम करें सरकारें

बसपा प्रमुख मायावती ने प्रवासी मजदूरों को लेकर एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का स्‍वागत किया है और सरकारों से ठोस कार्यवाही किए जाने की मांग की है

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Jun 2020, 12:39:59 PM (IST)

नई दिल्ली:

बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने प्रवासी मजदूरों को लेकर एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का स्‍वागत किया है और सरकारों से ठोस कार्यवाही किए जाने की मांग की है. बसपा प्रमुख ने कहा, कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण बेरोजगार व बेसहारा होकर जैसे-तैसे हजारों किलोमीटर दूर घरवापसी करते समय नियमों का अक्षरश: पालन नहीं कर पाने वाले मजलूम प्रवासी श्रमिकों के विरुद्ध जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्‍हें वापस लेने का माननीय सुप्रीम कोर्ट का आदेश सही, सामयिक व सराहनीय है.

मायावती ने कहा, घर वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्‍य में ही योग्‍यता का आकलन करते हुए रोजगार की व्‍यवस्‍था करने की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का भी स्‍वागत करती हूं. अब सरकारों को गंभीर व संवेदनशील होकर तत्‍काल ठोस कार्रवाई अविलंब शुरू कर देनी चाहिए. यह बहुजन समाज पार्टी की मांग है.

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एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों (Migrant Labor) को लेकर अहम आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि जो मजदूर अपने घर जाना चाहते है, उन्हें राज्य 15 दिन के अंदर गृह राज्य भेजने की व्यवस्था करें. अगर राज्य श्रमिक ट्रेन की मांग करते है तो 24 घंटे के अंदर उन्हें रेलवे ट्रेन उपलब्ध कराए.

कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिए है कि पलायन करने वाले ऐसे मजदूरों का पूरा डेटा तैयार किया जाए, उनकी स्किल मैपिंग हो, ये पता किया जाए कि गृह राज्य लौटने से पहले वो अपने काम वाले शहर में क्या काम कर रहे थे.

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उस लिहाज़ से उन्हें रोजगार देने की स्कीम तैयार की जाएं. राज्य सहायता केंद्र बनाए ताकि वापस लौटे मज़दूरों को रोजगार पाने में मदद मिले. इसके अलावा जो मजदुर वापस अपने काम की जगह पर जाना चाहते है, तो उसे बारे में जानकारी देने के लिए राज्य कॉउंसलिंग सेंटर बनाए जाएं. लॉकडाउन के दौरान अपने गृह राज्य लौटने की कोशिश कर रहे मजदूरों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य मजदूरों के खिलाफ ऐसे केस वापस लेने पर विचार करे.