.

पार्थिव शरीर पर तिरंगे से ऊपर दिखा भाजपा का झंडा, विपक्षी दलों ने उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के अंतिम दर्शन के दौरान की एक तस्वीर पर राजनीतिक दलों के बीच सियासी जंग शुरु हो गई है.

News Nation Bureau
| Edited By :
26 Aug 2021, 02:25:41 PM (IST)

highlights

  • कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर तिरंगे से ऊपर दिखा भाजपा का झंडा
  • कांग्रेस,टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने उठाए सवाल 

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के अंतिम दर्शन के दौरान की एक तस्वीर पर राजनीतिक दलों के बीच सियासी जंग शुरु हो गई है. इस तस्वीर को लेकर कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने बीजेपी पर हमला बोला है. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के दौरान उनके पार्थिव शरीर पर बीजेपी का झंडा रखा गया था. कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने तिरंगे के ऊपर बीजेपी का झंडा रखने का विरोध किया है. इस तस्वीर को लेकर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने बीजेपी से सवाल पूछा है कि तिरंगे का अपमान करना, मातृभूमि का सम्मान करने का क्या नया तरीका है? 

यह भी पढ़ें: श्रीलंका ने अफगानिस्तान से श्रीलंकाई लोगों को निकालने के लिए भारत से मांगी मदद

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Former Chief Minister of Uttar Pradesh Kalyan Singh) का शनिवार को लखनऊ में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने 89 साल की उम्र में लखनऊ (Lucknow) के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्था (SGPGI) में अंतिम सांस ली. उनका पार्थिव शरीर लखनऊ स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे से लपेटा गया था. लेकिन बाद में उनके पैर की ओर बीजेपी (BJP) का भी झंडा रख दिया गया. जो विपक्षी दलों को नागवार गुजरा. अब विपक्षी दलों के बीच इस तस्वीर पर सियासी जंग शुरु हो गई है. 

यह भी पढ़ें: पंजशीर के सीमावर्ती इलाकों में पहुंचा तालिबानी लड़ाके, दोनों के बीच आमने-सामने की लड़ाई की नौबत

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की गिनती राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नायकों में होती है. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी सरकार तक बलिदान कर दी. वे बीजेपी में ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने 1991 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 57 से 221 सीटों तक पहुंचाकर उत्तर प्रदेश में भाजपा को हाशिए से सत्ता के शिखर तक पहुंचा दिया.

.