कर्नाटक : राज्यपाल की डेडलाइन के भीतर बहुमत साबित नहीं कर सके कुमारस्वामी, विधानसभा स्थगित
विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने इस बारे में कहा है कि जब तक चर्चा पूरी नहीं हो जाती, विभाजन के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता.
नई दिल्ली:
कर्नाटक में संवैधानिक संकट गहराता जा रहा है. एक दिन पहले राज्यपाल वजूभाई वाला ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शुक्रवार दोपहर बाद डेढ़ बजे तक बहुमत साबित करने को कहा था पर अब तक ऐसा नहीं हो सका है. विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 3 बजे तक के लिए स्थगित भी कर दिया है. विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने इस बारे में कहा है कि जब तक चर्चा पूरी नहीं हो जाती, विभाजन के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता.
इससे पहले कुमारस्वामी ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा था कि क्या राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिए मुख्यमंत्री को कोई निर्देश दे सकते हैं. राज्यपाल ने मुझे 1.30 बजे तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है, जबकि हमने पहले ही विश्वास प्रस्ताव को पेश कर दिया है. यह तय करना चाहिए कि क्या राज्यपाल के पास ऐसी शक्तियां हैं, जो पहले से ही इस सदन को प्राप्त है. कुमारस्वामी ने यह भी कहा, अरुणाचल प्रदेश मामले में एक संविधान पीठ ने ऐसे ही मामलों की सुनवाई की थी. तब न्यायमूर्ति खेहर ने कहा था कि राज्यपाल को भारत सरकार अधिनियम, 1935 द्वारा विवेकाधिकार दिया गया था, लेकिन संविधान संशोधन करते वक्त इसे बदल दिया गया था.
इसके जवाब में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कहा, राज्यपाल के आदेश का पालन किया जाना है या नहीं, यह मुख्यमंत्री द्वारा तय किया जाना है, क्योंकि पत्र उन्हें भेजा गया था, इसलिए उन्हें ही फैसला करना है. बता दें कि कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को शुक्रवार की दोपहर 1.30 बजे तक बहुमत साबित करने को कहा था.