राजस्थान में डॉक्टर्स की हड़ताल, मरीज़ परेशान
राजस्थान में आज सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल है। इससे पहले यह ख़बर आई थी कि सरकार के साथ बातचीत के बाद डॉक्टरों ने अपना हड़ताल का फैसला पलट दिया है, लेकिन बाद में डॉक्टर्स ने अपनी 33 सूत्रीय मांगों के साथ हड़ताल पर जाने का फैसला ले लिया
नई दिल्ली:
राजस्थान में आज डॉक्टरों की हड़ताल है। इससे पहले यह ख़बर आई थी कि सरकार के साथ बातचीत के बाद डॉक्टरों ने अपना हड़ताल का फैसला पलट दिया है, लेकिन बाद में डॉक्टर्स ने अपनी 33 सूत्रीय मांगों के साथ हड़ताल पर जाने का फैसला ले लिया है।
इसके बाद सरकार ने सख़्त कदम उठाते हुए रेस्मां कानून लागू कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी कमर कसनी शुरु कर दी है।
रविवार देर रात हड़ताल और डॉक्टर्स की मांगों पर सरकार और सेवारत डॉक्टरों के बीच 6 मांगों पर सहमति बनती हुई दिखाई दी थी। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर प्रदेशभर में सोमवार से होने वाली डॉक्टर हड़ताल अभी फिलहाल जारी है।
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वहीं प्रदेश में चिकित्सकों के सामूहिक इस्तीफे और अवकाश पर जाने के खिलाफ चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा है कि प्रदेश में मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सरकार ने प्रदेश भर में वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की है।
जानें क्या है मामला?
प्रदेशभर के चिकित्सकों के 33 सूत्रीय मांगें सरकार के सामने रखी है। इन मांगों को लेकर रविवार रात 3 बजे तक डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की वार्ता चलती रही लेकिन राज्य सरकार और चिकित्सकों के बीच समझौता नहीं हुआ।
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इस बातचीत में चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, चिकित्सा सचिव वीनू गुप्ता, उपशासन सचिव चिकित्सा व अखिल राज्यस्थान सेवारत चिकित्सा संघ की कौर की कमेटी मौजूद थी।
राज्य के 10 हज़ार चिकित्सक इस्तीफा सौंप चुके हैं। इसके बाद निचले स्तर के अस्पतालों में आज चिकित्सा सेवाएं प्रभावित है।
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