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पुलवामा के एक साल : राजस्थान के शहीद अश्विनी को याद कर रहे उनके गांव वाले, हर आंख हुई नम

14 फरवरी का दिन पूरी दुनिया में वैलेनटाइन डे के रूप में मनाया जाता है. लेकिन भारत के लिए यह एक काला दिवस है. क्योंकि इसी दिन 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था.

News Nation Bureau
| Edited By :
14 Feb 2020, 02:56:51 PM (IST)

जबलपुर:

14 फरवरी का दिन पूरी दुनिया में वैलेनटाइन डे के रूप में मनाया जाता है. लेकिन भारत के लिए यह एक काला दिवस है. क्योंकि इसी दिन 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. आज पुलवामा की घटना को 1 साल हो चुके हैं. जबलपुर के सिहोरा तहसील के तहत खुड़वाल गांव के जवान अश्विनी कुमार भी पुलवामा अटैक में शहीद हो गए थे.

आज अश्विनी कुमार के घर में फिर वही दर्द महसूस किया जा सकता है. शहीद अश्विनी कुमार का परिवार आज भी उनकी यादों को संजोए बैठा है। अश्विन कुमार को याद कर के तमाम परिजनों की आंखें नम हो जाती हैं. शहीद के परिजनों ने अश्विनी कुमार की यादों को हमेशा बनाए रखने के लिए अश्वनी के नाम का एक मंदिर भी बनाया है. जहां रोज पूजा की जाती है. अश्विनी कुमार की मां आज भी अपने बेटे को याद कर रो पड़ती हैं.

जवान अश्विनी कुमार की शहादत आज उसके गांव के लिए गर्व की बात है. पुलवामा अटैक के 1 साल पूरे होने पर अश्वनी कुमार की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है. शहीद अश्विनी कुमार का पार्थिव शरीर का जहां पर अंतिम संस्कार किया गया था उसी मैदान में अश्विनी कुमार की आदमकद प्रतिमा बनवाई गई है.

अश्विनी कुमार की शहादत को आज खुड़वाल गांव का हर एक युवा अपने दिलो दिमाग में बैठा चुका है. अश्विनी कुमार के पिताजी की आंखों में आज भी आंसू नहीं थकते हैं. वही उनके भाई का कहना है कि सरकार ने वादे तो बहुत किए लेकिन पूरा आज तक एक भी नहीं हो पाया. अश्विनी कुमार को याद कर आज उसका पूरा गांव एक बड़ा कार्यक्रम कर रहा है जिसमें युवा बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

क्या हुआ था एक साल पहले

14 फरवरी को 2019 को गुरुवार का दिन था. दोपहर 3:30 बज रहे थे. सीआरपीएफ से संबंधित 78 बसें करीब 2500 जवानों को लेकर नेशनल हाईवे 44 से गुजर रही थी. हमेशा की तरह यह काफिला बिना दूसरे वाहनों की आवाजाही रोके बिना ये काफिला आगे बढ़ रहा था. बसों में बैठे कई जवान छुट्टी से अपने घर जा रहे थे. इसी हाईवे पर दो दिन पहले भी आतंकी सीआरपीएफ के जवानों पर हमले को अंजाम दे चुके थे. जिसके कारण हर कोई सतर्क था.

तभी एक कार ने सड़क की दूसरी तरफ से आकर इस काफिले के साथ चल रही बस में टक्कर मार दी. इसके साथ ही एक जबरदस्त धमाका हुआ. बस के साथ जवानों के शरीर के परखच्चे कई मीटकर दूर तक छिटक गए. इससे पहले जवान कुछ समझ पाते या हमले का जवाब दे पाते तभी आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई के दौरान आतंकी वहां से भागने में सफल हो गए.