.

जयपुर के NIMS यूनिवर्सिटी ने 4 कश्मीरी छात्राओं को किया निलंबित, देशद्रोही पोस्ट करने का आरोप

इन छात्राओं का नाम तवलीन मंजूर, इकरा, जोहरा नजीर और उजमा नजीर है, सभी द्वितीय वर्ष की हैं. इन्हें कॉलेज के साथ-साथ हॉस्टल से भी निलंबित कर दिया गया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
17 Feb 2019, 12:06:50 AM (IST)

जयपुर:

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद व्हाट्सएप पर खुशी मनाने और देशविरोधी पोस्ट को भेजने के आरोप में जयपुर के NIMS यूनिवर्सिटी ने 4 कश्मीरी छात्राओं को निलंबित कर दिया है. आक्रोशित लोगों ने निम्स विश्वविद्यालय के दरवाजे को बंद कर दिया जिसके बाद स्थानीय पुलिस पहुंची. इन छात्राओं का नाम तवलीन मंजूर, इकरा, जोहरा नजीर और उजमा नजीर है, सभी द्वितीय वर्ष की हैं. इन्हें कॉलेज के साथ-साथ हॉस्टल से भी निलंबित कर दिया गया है.

विश्वविद्यालय ने चारों छात्राओं को निलंबन आदेश जारी करते हुए लिखा, पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों के लिए आपने अपने व्हाट्सएप पर देशद्रोही मैसेज को पोस्ट किया है. निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान ऐसी किसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी और इसकी कड़ी निंदा करती है.

विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार के द्वारा हस्ताक्षर किए हुए आदेश के अनुसार, 'इनके द्वारा किए गए गए कृत्य काफी गंभीर है, इन छात्राओं को कॉलेज और हॉस्टल से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.'

शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के जयनारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के एक छात्र रजब खान को पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के एक छात्र ने भी पुलवामा हमले के तुरंत बाद आप्पत्तिजनक टिपण्णी की थी. उरी फिल्म के डायलॅाग 'हाऊ इज द जोश' का मज़ाक उड़ाते हुए बसीम हिलाल नाम के छात्र ने लिखा था, 'हाऊ इज द जैश.'

और पढ़ें : पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने के लिए भारत की तैयारी, FATF को सौंपेगा आतंकी गतिविधियों से जुड़े सबूत

बिलाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A और धारा 67A के तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही बिलाल को यूनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया गया है.

गौरतलब है कि पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास अवंतीपुरा में हुए भीषण आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.