रोडवेजकर्मियों ने लोक परिवहन बस संचालन के खिलाफ खोला मोर्चा
टोंक में रोडवेज़ कर्मियों ओर लोक परिवहनकर्मियों के बीच चल रही तनातनी के बीच जनता पिस रही है. लोक परिवहन की बसों से यात्री टोंक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन रोडवेज़कर्मियों द्वारा बसों को अंदर प्रवेश नही करने दिया जा रहा है, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है.
टोंक (जयपुर):
टोंक में रोडवेज़ कर्मियों ओर लोक परिवहनकर्मियों के बीच चल रही तनातनी के बीच जनता पिस रही है. लोक परिवहन की बसों से यात्री टोंक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन रोडवेज़कर्मियों द्वारा बसों को अंदर प्रवेश नही करने दिया जा रहा है, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है.
दरअसल रोडवेज़कर्मियों का कहना है कि निगम की ओर से जारी आदेशों के अनुसार लोक परिवहन बसों को केंद्रीय बस स्टैंड से करीब 3 किलोमीटर तक दूर से होकर सवारियां लेनी है. ऐसे में टोंक में लोक परिवहन द्वारा बस स्टैंड का पास से ही सवारियां बैठाने का विरोध करते हुए आज रोडवेज़ कर्मी बम्बोर फ्लाईओवर के पास ही धरने पर बैठ गए. इस दौरान जब इलाके में लोक परिवहन की बस आई तो कर्मचारियों ने उसे ज़बरदस्ती रवाना करा दिया. इससे रोडवेज़ ओर लोक परिवहन कर्मियों के बीच तनाव कायम हो गया. सूचना मिलते ही सदर ओर पुरानी टोंक पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभाला.
वही रोडवेज़कर्मियों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि यदि इलाके से लोक परिव्हन सेवा की बसों की पार्किंग व्यवस्था नहीं बदली गई तो कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. वही लोक परिवहन सेवा की बसों में सफर करने वाले यात्रियों ने बताया कि परिवहनकर्मी उन्हें झूठे वादे देकर बसों में बैठा रहे हैं.
जयपुर से टोंक आए यात्री शिवदत्त शर्मा ने बताया कि रोडवेज और लोक परिवहन संचालकों की आपसी लड़ाई में यात्रियों को परेशानी हो रही है, लेकिन ना तो परिवहन विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है ना ही पुलिस.
वहीं, निवाई से टोंक आई छात्रा रेखा महावर ने कहा कि लोक परिवहन बस संचालक ने बस स्टैंड पर छोड़ने को कहा था, लेकिन रोडवेजकर्मियों की मनमानी के चलते दो किमी दूर ही उतार दिया.
भारतीय मजदूर संध के जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह का कहना है कि राज्य सरकार और हाईकोर्ट ने लोक परिवहन बस सेवा को बस स्टैंड से दो-तीन किमी की दूरी से संचालन करने के आदेश दिए थे, लेकिन इसकी न तो परिवहन विभाग पालना करवा रहा है और न ही पुलिस अधिकारी.