पटियाला हिंसा पर बोले भगवंत मान, कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाना चाहिए
पटियाला हिंसा मामले में मान सरकार एक्शन में है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक हाई लेवल बैठक बुलाई है
highlights
- पंजाब के पटियाला में आज दो समुदायों के बीच झड़प हुई
- एक हिंदू संगठन और सिख संगठन के बीच झड़प से माहौल तनावपूर्ण हो गया
नई दिल्ली:
पटियाला हिंसा मामले में मान सरकार एक्शन में है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक हाई लेवल बैठक बुलाई. DGP समेत अन्य बड़े अधिकारियों को किया तलब किया . मुख्यमंत्री ने डीजीपी चीफ सेक्रेटरी और कई बड़े अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को नसीहत दी कि पंजाब विरोधी ताकतों को शांति भंग करने से रोका जाए. कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाना चाहिए. इस मामले में एसएसपी पटियाला नानक सिंह का कहना है कि पुलिस ने उचित कार्रवाई की, दोनों समूहों को पहले सूचित किया गया था कि उन्हें जुलूस निकालने की अनुमति नहीं है. उन्होंने अनुमति मांगी लेकिन मना कर दिया गया. कुछ अफवाहों से माहौल तनावपूर्ण हो गया. 4 लोग घायल हुए हैं और जांच जारी है. इस बीच शिवसेना ने कबूला है कि पटियाला की घटना में पार्टी शामिल थी. इस मामले में शिवसेना ने कुछ कार्यकर्ताओं को निलंबित किया है. यहां पर सुरक्षा के लिहाज से शाम सात से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि पंजाब के पटियाला में आज दो समुदायों के बीच झड़प हुई. जुलूस निकालने को लेकर एक हिंदू संगठन और सिख संगठन के बीच झड़प से माहौल तनावपूर्ण हो गया. इस घटना में एक SHO समेत तीन लोग घायल हुए हैं. दरअसल, दोनों समुदायों को जुलूस निकालने की इजाजत नहीं थी. बताया जा रहा है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने आज खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने का ऐलान किया था और शिवसेना बाल ठाकरे नामक स्थानीय हिंदू संगठन ने इसका जमकर विरोध किया. पुलिस ने इस दौरान दोनो तरफ से लोगों को रोकने का प्रयास किया. इस रैली के दौरान कुछ लोगों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए.
खालिस्तानी आतंकी साजिश
गौरतलब है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पुन्नू की ओर से शुक्रवार को खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने की घोषणा की गई थी. पुन्नू ने हरियाणा के डीसी दफ्तरों पर झंडे फहराने का ऐलान किया था. एक स्थानीय हिंदू संगठन ने पटियाला में खालिस्तानी मुर्दाबाद मार्च निकालने का ऐलान किया था. शुक्रवार दोपहर जब हिंदू संगठन ने मार्च निकाला, तो दूसरे तरफ खालिस्तान समर्थकों ने इसका विरोध किया. इससे तनाव खासा बढ़ गया. इसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई.