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सत्ता से बाहर होते ही बादलों को पंथ और पंजाब की याद आती है- भगवंत मान

मान ने कहा कि 1997 से 2020 तक 15 साल पंजाब में और 12 साल तक केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ सत्ता संभालने वाले बादल परिवार को पंजाब, पंथ, संघीय ढांचा और आनंदपुर साहिब का संकल्प क्यों नहीं याद आया.

News Nation Bureau
| Edited By :
19 Dec 2021, 11:35:26 PM (IST)

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने बादल परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता से बाहर होते ही बादलों को पंथ और पंजाब की याद आने लगती है. लेकिन सत्ता में रहते हुए पंथ और पंजाब का जितना नुकसान बादल परिवार ने किया है, उतना मुगल शासक अहमद शाह अब्दाली ने भी नहीं किया.रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में मान ने बादल परिवार को पंथ और पंजाब के लिए 'आस्तीन का सांप' करार देते हुए कहा कि सत्ताहीन होने पर बादल परिवार को एक बार फिर पंथ, पंजाब, संघीय ढांचा, राज्यों को अधिक अधिकार के नाम पर श्री आनंदपुर साहिब का संकल्प याद आ गया. जबकि प्रकाश सिंह बादल ने अपने परिवार के फायदे के लिए शिरोमणि अकाली दल को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया.

मान ने कहा कि 1997 से 2020 तक 15 साल पंजाब में और 12 साल तक केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ सत्ता संभालने वाले बादल परिवार को पंजाब, पंथ, संघीय ढांचा और आनंदपुर साहिब का संकल्प क्यों नहीं याद आया. क्या प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल समेत पूरी 'बादल एंड कंपनी' पंजाब के लोगों को इस बात का स्पष्टीकरण देगी.

उन्होंने कहा, "25 साल पहले मोगा की ज़मीन पर ही बादल एंड कंपनी ने पंथ और पंजाब को तिलांजलि देकर सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप से पंजाब को भाजपा के कंधों पर छोड़ दिया था. सत्ता के इस लम्बे समय के दौरान बादल ने पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान पहुंचाया. यह सिलसिला जारी रहता, लेकिन किसान आंदोलन के दबाव ने बादल को भाजपा की गोद से निकाल कर शक्तिहीन कर दिया. वक्त का इंसाफ यह रहा कि आज बादलों के हाथ से पंथ, पंजाब और पंजाबी सब निकल गए हैं. खोई हुई भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए, बादल एंड कंपनी मोगा की उसी भूमि से अब एक बार फिर पंथ और पंजाब की दुहाई दे रही है. लोगों को गुमराह करके सत्ता हथियाने के लिए खेली जा रही बादलों की इस गिरगिट चाल से पूरे पंथ और पंजाबियों को सचेत रहना होगा.