.

PRC विवाद पर ईटानगर में हिंसा के बाद किरण रिजिजू ने की शांति की अपील, राज्य सरकार वापस ले चुकी है फैसला

रविवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान भीड़ को नियंत्रण करने के लिए चली पुलिस की गोली में 2 लोगों की मौत हुई थी. यह प्रदर्शन राज्य सरकार द्वारा पीआरसी को खत्म करने वाले आश्वासन के बाद भी हुआ.

News Nation Bureau
| Edited By :
25 Feb 2019, 07:30:37 AM (IST)

ईटानगर:

अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में 6 समुदायों को स्थायी निवास प्रमाणपत्र (पीआरसी) देने के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस मामले को वापस लेने का फैसला किया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. रविवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान भीड़ को नियंत्रण करने के लिए चली पुलिस की गोली में 2 लोगों की मौत हुई थी. यह प्रदर्शन राज्य सरकार द्वारा पीआरसी को खत्म करने वाले आश्वासन के बाद भी हुआ.

सीएम खांडू ने ट्वीट किया, 'अपने राज्य की शांति के लिए सरकार ने नामसाई और चांगलांग जिलों के पीआरसी मामले को खत्म कर दिया गया है.' इससे पहले रविवार को ईटानगर में हिंसा जारी रही और भीड़ ने उप-मुख्यमंत्री चोवना मेन के घर को आग लगा दी.

राजधानी में कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया और ईटानगर न नाहरलागुन में दो पुलिस थानों को फूंक दिया. लोगों ने मुख्यमंत्री खांडू के आवास की ओर भी प्रदर्शन करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने इसे रोक लिया.

वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी ट्वीट कर कहा, 'अरुणाचल प्रदेश सरकार पहले ही जेएचपीसी की पीआरसी पर की गई सिफारिशों को अस्वीकार करने का आदेश पारित कर चुकी है. शांति के लिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप किए बिना सभी को साथ आना होगा. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंसा के कारण लोगों की जानें गई हैं.'

Arunachal Pradesh State Govt has already passed an order not to accept PRC as recommended by JHPC. Everyone must come together without blaming each other for the sake of peace. It's very unfortunate that innocent lives were lost in the violence.

— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) February 24, 2019

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने भी कहा है कि पेमा खांडू के नेतृत्व वाली अरुणाचल प्रदेश सरकार पीआरसी को नहीं लाने जा रही है. संगमा ने राज्य में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है.

संगमा ने कहा, 'सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला आगे नहीं जाएगा. हम लोगों से अपील करते हैं कि शांति बनाए रखें. सरकार भी पूरी कोशिश कर रही है यह और अधिक न खिंचे. राज्य सरकार ने मैसेज भेजा है कि वह पीआरसी को पेश नहीं करेगी, इसलिए अब यह मुद्दा नहीं होना चाहिए.'

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा गठित संयुक्त उच्चाधिकार समिति (जेएचपीसी) की सिफारिशों पर राज्य के नामसाई और चांगलांग में रह रहे 6 समुदायों को पीआरसी दिया जाना है जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.

और पढ़ें : जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को किया ढेर, DSP और जवान शहीद

पीआरसी की मंजूरी मिलने के बाद इन समुदायों को भी विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. इसके खिलाफ करीब 18 छात्र और सिविल सोसायटी संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. वे गैर अरुणाचली को पीआरसी देने के खिलाफ हैं.

राज्यपाल बीडी मिश्रा ने भी हिंसा की निंदा की. शांति की अपील करते हुए मिश्रा ने कहा, 'अरुणाचल वासियों ने हमेशा से सभी परिस्थितियों में अपने आचरण में समझदारी, बुद्धिमत्ता व परिपक्वता का प्रदर्शन किया है.' राज्यपाल ने राज्य सरकार को अशांति रोकने के लिए सभी एहतियाती उपाय अपनाने की सलाह दी.