शरद पवार ने पार्टी छोड़ने वालों से लड़ने के लिए गुरिल्ला युद्ध की रणनीति चुनी- संजय राउत
संजय राउत ने क्यों कहा- शरद पवार गुरिल्ला युद्ध रणनीति का कर रहे हैं इस्तेमाल, जानें मकसद
नई दिल्ली:
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ (NCP) शरद पवार के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. अब राकांपा प्रमुख के बयान पर उन्ही के सहयोगी दल शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने चुटकी ली है. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि राकांपा के प्रमुख शरद पवार अपनी पार्टी छोड़ने वालों से लड़ने के लिए गुरिल्ला युद्ध की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं. मुंबई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवसेना गुट के नेता संजय राउत ने शरद पवार और उनके सहयोगियों ने पार्टी छोड़ने वालों से लड़ने के लिए गुरिल्ला युद्ध की रणनीति चुनी है.
हालांकि, राउत ने कहा कि शरद पवार कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. वह महा विकास अघाड़ी और इंडिया गठबंधन के एक महत्वपूर्ण नेता हैं. उन्होंने कहा, 'इसका मतलब यह नहीं है कि वह दो पत्थरों पर खड़े हैं. शरद पवार के बारे में किसी को कोई भ्रम नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना और राकांपा दोनों को विभाजन का सामना करना पड़ा था.
कुछ ही घंटों में शरद पवार ने लिया यू-टर्न
दरअसल, शरद पवार ने कहा था कि पार्टी में कोई फूट नहीं पड़ी है. कुछ विधायकों के जाने से पार्टी खत्म नहीं हो जाती है. विधायकों का मतलब राजनीतिक दल नहीं है. इससे पहले शरद पवार की बेटी और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सु्प्रिया सुले ने कहा था कि एनसीपी में टूट नहीं है और अजित पवार पार्टी के नेता बने रहेंगे. इसपर शरद पवार ने भी समर्थन किया था. हालांकि, कुछ ही देर बाद शरद पवार ने अपना बयान बदल दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है.