.

Guna Result Live Update: गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया 50 हजार मतों से पीछे

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में मध्य प्रदेश की गुना सीट सबसे खास सीटों में से एक है. यह सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. जिसमें हमेशा सिंधिया परिवार रहता है. इस सीट पर हमेशा सिंधिया राजघराने के सदस्य का ही राज रहा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
23 May 2019, 12:23:03 AM (IST)

भोपाल:

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में मध्य प्रदेश की गुना सीट सबसे खास सीटों में से एक है. यह सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. जिसमें हमेशा सिंधिया परिवार रहता है. इस सीट पर हमेशा सिंधिया राजघराने के सदस्य का ही राज रहा है. ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ही इस सीट पर जीतते रहे हैं.

आलम यह है कि 2014 की मोदी लहर में भी इस सीट को बीजेपी बचा नहीं पाई. 2014 में ज्योतिरादित्य ने बीजेपी के जयभान सिंह को 120792 वोटों से हराया था. पिछले 4 बार से ज्योतिरादित्य इस सीट पर जीतते रहे हैं. बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने डॉ केपी यादव को मैदान में उतारा है.

डॉक्टर केपी यादव पहले कांग्रेस में ही थे और सिंधिया की जीत के राजदार रहे थे. लेकिन पिछले उपचुनाव में अपनी अनदेखी के बाद वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. आज जब मतों की गणना होगी तब पता चलेगा कि कौन जीता.

17:07 (IST)

ज्योतिरादित्य सिंधिया 1 लाख वोटों से पीछे।

12:57 (IST)

अब तक मिले रुझानों के मुताबिक एनडीए को 342 सीटें, यूपीए को 86 सीटें, सपा-बसपा गठबंधन को 20 और अन्य को 91 सीटों पर बढ़त हासिल है. इस हिसाब से पीएम मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं.

09:03 (IST)

गुना से कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया पीछे चल रहे हैं.

07:11 (IST)

एक राउंड की गणना में लगता है इतना समय

प्रत्‍येक विधान सभा क्षेत्र के लिए एक साथ 14 ईवीएम की गिनती एक साथ होती है. अमूमन हर दौर में 30 से 45 मिनट का समय लगता है. मतगणना टेबल के चारों ओर पार्टियों या उम्मीदवारों के एजेंट पैनी निगाह रखे रहते हैं. उनके लिए भी मतगणना अधिकारी तय फार्म 17 सी का अंतिम हिस्सा भरवाते हैं. फॉर्म 17 सी का पहला हिस्सा मतदान के पोलिंग एजेंट की मौजूदगी और दस्तखत के साथ पोलिंग प्रक्रिया शुरू करते समय भरा जाता है. मतगणना के समय आखिरी हिस्सा भरा जाता है.

07:02 (IST)

गिनती शुरू करने की क्या है नियमावली

पोस्टल बैलेट बाद इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफरेबल पोस्टल बैलेट (ETPBS) भी अगर आए हों तो उनकी गिनती होती है. इन पर QR कोड होता है. उसके जरिए गिनती होती है. आयोग की नियमावली के मुताबिक पोस्टल बैलेट और ईटीपीबीएस की गिनती पूरी होने के आधा घंटा बाद ईवीएम में दिए गए मतों की गिनती शुरू होती है. इसके लिए हरेक विधान सभा इलाके के हिसाब से सेंटर में 14 टेबल लगाए जाते हैं.

06:44 (IST)

7:45 बजे से शुरू होगी काउंटिंग

सुबह 7:45 से मतों की गणनाशुरू हो जाती है. सरकारी ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों द्वारा पोस्टल बैलेट के जरिए डाले गए वोटों की गिनती पहले होती है. सेना के कर्मचारियों को भी पोस्टल बैलेट से मतदान का अधिकार है. पोस्टल बैलेट के लिए चार टेबल तय होते हैं. सभी राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों के नुमाइंदे इस गणना के गवाह होते हैं. हरेक टेबल पर मतगणना कर्मचारी को हरेक राउंड के लिए पांच सौ से ज्यादा बैलेट पेपर नहीं दिए जाते हैं.

06:40 (IST)

ये करते हैं वोटों की गिनती

Counting से पहले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को यह नहीं बताया जाता है कि उसे किस सेंटर पर भेजा जाएगा. काउंटिंग के दिन इन कर्मचारियों को सुबह 5 बजे काउंटिंग टेबल पर बैठना होता है. हर काउंटिंग टेबल पर काउंटिंग सुपरवाइजर, असिस्टेंट व माइक्रो पर्यवेक्षक होता है. इसके बाद इनके टेबल पर बैलेट यूनिट रखी जाती हैं. टेबल के चारों ओर जाली की घेराबंदी भी की जाती है.

मतगणना में सरकारी विभागों में कार्यरत केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी शामिल होते हैं. इन्‍हें एक हफ्ते पहले काउंटिंग सेंटर पर ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव से संबंधित जिले के वे अधिकारी शामिल होते हैं जिनकी ड्यूटी चुनाव में लगी है. काउंटिंग से एक दिन पहले ट्रेंनिंग देने बाद उन्हें संबंधित संसदीय क्षेत्र में 24 घंटे के लिए भेज जाता है.