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कई राज्यों में किसानों का प्रदर्शन, सड़कों पर फेंकी गई सब्जियां

पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने सब्जियों को सड़कों पर फेंका, शहर के लिए जाने वाली सब्जियों, फलों और दूध के सप्लाई को रोका।

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Jun 2018, 03:20:44 PM (IST)

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश में पिछले साल छह जून को मंदसौर जिले में किसानों पर पुलिस जवानों द्वारा की गई फायरिंग और पिटाई में मारे गए सात लोगों की मौत के एक वर्ष पूरा होने पर किसानों ने शुक्रवार से 10 जून तक 'गांव बंद' आंदोलन का ऐलान किया है।

इसके तहत किसी गांव से कोई भी खाद्य सामग्री शहरों में नहीं जाएगी। सरकार ने हालात से निपटने के इंतजाम किए हैं।

आम किसान यूनियन के प्रमुख केदार सिरोही ने बताया कि राज्य के 150 से ज्यादा किसान संगठनों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है, साथ ही प्रदेश की सभी 53 हजार पंचायतों ने किसान हित की लड़ाई जारी रखने पर हामी भरी है।

उन्होंने कहा, 'सरकार किसानों को अपना हक मांगने पर गोली मारती है और डंडे बरसाती है। छह जून किसानों के लिए काला दिन है। इस घटना के एक साल पूरा होने पर हम बरसी मना रहे हैं। अब 10 दिन तक किसी गांव से न तो कोई सामान शहर आएगा और न ही जाएगा।'

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# प्रदर्शन पर भोपाल में किसानों ने कहा, 'यह सामान्य दिन के जैसा है। हमें किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है। हम किसी प्रकार का प्रदर्शन नहीं चाहते हैं और न ही हम इसका हिस्सा हैं। यह राजनीतिक दलों की एक साजिश है।'

पंजाब के लुधियाना में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सड़क पर बहाया दूध।

# पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने सब्जियों को सड़कों पर फेंका, शहर के लिए जाने वाली सब्जियों, फलों और दूध के सप्लाई को रोका।

# उत्तर प्रदेश के संभल में किसानों ने कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने को लेकर 10 दिनों की हड़ताल 'किसान अवकाश' शुरू किया।

शिव कुमार शर्मा ने कहा, हमने 10 जून को दोपहर 2 बजे तक भारत बंद करने का निर्णय लिया है। शहर के सभी व्यापारियों से निवेदन है कि अपनी दुकानें बंद रखें और पिछले साल जान गंवाने वाले किसानों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि दें।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने कहा, '130 से ज्यादा किसान संगठन हमारे साथ हैं। यह अब राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन चुका है। हमने प्रदर्शन का नाम 'गांव बंद' दिया है। हम शहरों में नहीं जाएंगे क्योंकि हम लोगों की सामान्य जिंदगी को परेशान नहीं करना चाहते हैं।'

More than 130 Farmers organisations are with us. This has now become a nationwide agitation. We have named the protest 'Gaon Band'. We won't go to cities, as we don't want to heckle the normal lives of the people: Shiv Kumar Sharma, President, Rashtriya Kisan Mazdoor Mahasangh pic.twitter.com/1UW0L0y7Nw

— ANI (@ANI) June 1, 2018

किसानों के प्रदर्शन पर मंदसौर के जिलाधिकारी ओ पी श्रीवास्तव ने कहा, 'यहां स्थिति सामान्य है। दूध और सब्जी जैसी महत्वपूर्ण चीजों के सप्लाई में कोई किल्लत नहीं है। हमने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए हैं ताकि अगर कुछ होता है तो हम उससे सही तरीके से निपट सके।'

# मंदसौर में किसानों के 10 दिनों के 'किसान अवकाश' को लेकर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।

#MadhyaPradesh: Visuals of security in Mandsaur as farmers observe 10-days' 'Kisan Avkash' during which they will not supply vegetables, grains and to the cities. pic.twitter.com/SWVmAqYulp

— ANI (@ANI) June 1, 2018

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को भोपाल पहुंचे थे। उन्होंने किसानों के इस आंदोलन को कांग्रेस का आंदोलन बताया। उनका कहना है कि राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार किसानों के हित में काम कर रही है और उसने कई बड़े फैसले लिए हैं।

वहीं के सांसद प्रभात झा ने आंदोलन में किसी भी तरह की हिंसा होने के लिए कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है।

पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य व शर्म की बात है कि जिन लोगों की सरकार में पिछले साल मंदसौर में अपने हक की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे बेगुनाह किसानों के सीने पर गोलियां दागी गईं, उनका खून बहाया गया, वे आज कांग्रेस पर खून-खराबा कराने की बात कर रहे हैं। वे लोग ही प्रतिदिन ऐसी बयानबाजियां कर अराजकता फैला रहे हैं और माहौल खराब कर रहे हैं।

किसानों के एक जून से होने वाले आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज पत्रकारों के सवालों पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। वहीं पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। कई किसान नेताओं से बॉण्ड भरा लिए गए हैं। साथ ही उन पर खास नजर रखी जा रही है।

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