मध्य प्रदेश में कोरोना काल में बाल विवाह, मजदूरी के मामले बढ़े
मध्य प्रदेश में कोरोना काल में बाल विवाह और बाल मजदूरी के मामले बढ़े हैं. बच्चों ने यह खुलासा सोशल मीडिया के एक प्लेटफार्म पर आयोजित संवाद के दौरान किया.
भोपाल:
मध्य प्रदेश में कोरोना काल में बाल विवाह और बाल मजदूरी के मामले बढ़े हैं. बच्चों ने यह खुलासा सोशल मीडिया के एक प्लेटफार्म पर आयोजित संवाद के दौरान किया. बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था चाइल्ड राइट ऑब्जर्वेटरी (सीआरओ) ने शनिवार को बच्चों की समस्याओं पर केंद्रित बेबिनार का आयोजन किया. इस वेबिनार में राज्य के विभिन्न जिलों के बच्चों ने हिस्सा लिया. इस वेबिनार का मकसद कोरोना काल में बच्चों की समस्याएं, उनकी सुरक्षा, उनके जीवन में कोरोना के कारण आए बदलाव सहित अन्य विषयों पर मंथन करना तो ही था, साथ में उनकी समस्याओं को जानना भी था.
अनूपपुर की 11वीं में पढ़ने वाली बीना सिंह ने बताया कि कोरोना काल में बच्चों और किशोरों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है, मगर इसी दौरान बाल विवाह भी हुए हैं. उसने एक उदाहरण भी बताया और कहा कि उनके गांव की एक लड़की आगे पढ़ाई करना चाहती थी, मगर परिवार ने उसकी शादी कर दी. जिस लड़की की शादी हुई, वह महज 17 साल की ही थी.
इसी तरह टीकमगढ़ की 10वीं पढ़ने वाली आकांक्षा यादव ने भी बताया कि उसके गांव बनियानी में कोरोना का हाल में एक परिवार वाल के सदस्यों ने 16 साल के लड़के की शादी कर दी. वह लड़का पढ़ता नहीं था. उमरिया निवासी सचिन त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना काल में गरीब परिवारों के लिए जीवन चलाना कठिन हो गया था, और यही कारण रहा कि स्कूल जाने वाले कई बच्चों को दुकान पर काम करना पड़ा. इतना ही नहीं, लड़कों का शोषण भी हुआ है.
सोशल मीडिया पर आयोजित संवाद के दौरान सीआरओ की अध्यक्ष और पूर्व प्रमुख सचिव निर्मला बुच ने बच्चों की समस्याओं को सुना और कहा कि बच्चों की इन समस्याओं से सरकार को अवगत कराया जाएगा, साथ ही आवश्यक कदम उठाए जाएं इस दिशा में भी पहल की जाएगी. सीआरओ के सलाहकार सुदिन ने भी बच्चों के अनुभव पूछे कि कोरोना काल में उन्हें किन समस्याओं से जूझना पड़ा और इस दौरान उनके सामने किस तरह की चुनौतियां हैं.