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सेना ने पीएम नरेंद्र मोदी को दिया जीत का तोहफा, आतंकवादी जाकिर मूसा एनकाउंटर में ढेर

अलकायदा की कश्मीर इकाई अंसार गजवत उल हिन्द का तथाकथित प्रमुख जाकिर मूसा दक्षिण कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
26 May 2019, 06:13:30 AM (IST)

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर के पुलवामा के त्राल इलाके में सुरक्षाबलो को एक बड़ी कामयावी हाथ लगी है. अलकायदा की कश्मीर इकाई अंसार गजवत उल हिन्द का तथाकथित प्रमुख जाकिर मूसा दक्षिण कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है. मूसा को पुलवामा के उसी इलाके में मार गिराया गया है, जहां साल 2016 में सेना ने हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को ढेर किया था.

ऐसे दिया सेना ने ऑपरेशन को अंजाम

अधिकारियों ने बताया कि घाटी में सेना को गुरुवार दोपहर पुलवामा के त्राल में जाकिर मूसा के मौजूद होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर में घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया है. इस दौरान जाकिर मूसा के ठिकाने की घेराबंदी कर सेना के अधिकारियों ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा, जिसपर मूसा ने सेना के अधिकारियों पर ग्रेनेड हमला कर भागने की कोशिश की.

इसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इलाके में सख्त घेराबंदी की और फिर भारी गोलीबारी करते हुए मूसा को उसी मकान में मार गिराया, जहां उसने पनाह ली थी. इस बीच, मूसा के मारे जाने की खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव फैल गया. लोग नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए और जगह-जगह पुलिस और आतंकी समर्थक तत्वों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं. हालात को देखते हुए प्रशासन ने त्राल और उसके साथ सटे इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर अलर्ट जारी कर दिया है.

कहा जाता था आतंक का पोस्टर बॉय 

जाकिर मूसा को कश्मीर घाटी में आतंक का पोस्टर बॉय कहा जाता था और एजेंसियों के अधिकारी काफी समय से उसकी तलाश कर रहे थे. बीते दिनों कश्मीर में तमाम आतंकियों के जनाजे में मूसा के समर्थन में नारे लगाने की बात भी सामने आई थी, लेकिन गुरुवार शाम सेना ने घाटी में आतंक के इस खूंखार चेहरे का भी अंत कर दिया. 

15 लाख का इनामी

मूसा लंबे समय समय तक हिजबुल कमांडर बुरहान वानी का सहयोगी रहा था. लेकिन 11 जुलाई 2016 को बुरहान के मारे जाने के बाद  अंसार गजवत उल हिन्द से जुड़ गया। कश्मीर में 2013 से सक्रिय जाकिर मूसा त्राल के नूरपोरा का रहने वाला था. उसके पिता अब्दुल रशीद बट एक सरकारी विभाग में इंजीनियर हैं. चंडीगढ़ स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज में अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ आतंकी बनने वाले मूसा पर 15 लाख का इनाम था.