महबूबा के रिहा होते ही जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज, 'गुपकार समझौते' पर हो रही चर्चा
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के रिहा होते हुए एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. पिछले दिनों पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया. इसके बाद पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं में मीटिंग हुई थी. आज एक और मीटिंग हो रही.
नई दिल्ली:
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के रिहा होते हुए एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. पिछले दिनों पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया. इसके बाद पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच मीटिंग हुई थी. आज एक और मीटिंग हो रही है, जिसमें जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां ‘गुपकर समझौते’ पर चर्चा कर रही हैं. इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत अन्य पार्टियों के नेता उपस्थित हैं.
ये मीटिंग नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की ओर से बुलाई गई है, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन सहित वो नेता शामिल हो रहे हैं, जिन्होंने 4 अगस्त 2019 को साझा बयान जारी किया था. फारूक घर हो रही इस बैठक में शामिल होने के लिए पीडीपी मुखिया और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पहुंच गई हैं. पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई अन्य नेता भी बैठक में उपस्थित हैं. इस बैठक को लेकर वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A निष्प्रभावी करने के बाद जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को नजरबंद में रखा गया था. करीब एक साल बाद मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया, जबकि फारूक और उमर अब्दुल्ला को पहले ही छोड़ दिया गया है. करीब एक साल बाद बुधवार को तीनों नेता एक साथ नजर आए थे.
करीब एक साल नजरबंद में रहीं महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को नेकां के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की. फारूक और उमर अब्दुल्ला रिहाई के बाद महबूबा के आवास पर जाकर मिले थे. इस दौरान तीनों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर विस्तृत चर्चा की थी. महबूबा मुफ्ती से मुलाकात करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि महबूबा मुफ्ती को 14.5 महीने से अधिक हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया गया है. कोई राजनीतिक मकसद नहीं था, हम सिर्फ उसे देखने आए थे.