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Vadodara Boat Accident: वडोदरा नाव हादसे को लेकर 18 के खिलाफ FIR दर्ज, 10 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश

Vadodara Boat Accident: नाव में 27 लोग सवार थे, इनमें से 23 विद्यार्थी और चार शिक्षक थे. गुजरात सरकार ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
19 Jan 2024, 10:32:35 AM (IST)

highlights

  • नाव में सवार 12 विद्यार्थियों और दो शिक्षकों की मौत हो गई
  • जिला कलेक्टर को दस दिनों के भीतर  जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा
  • नाव में 27 लोग सवार थे, इनमें से 23 विद्यार्थी और चार शिक्षक थे

नई दिल्ली:

Vadodara Boat Accident: गुजरात के वडोदरा में हुए नाव हादसे के बाद पुलिस एक्शन में है. इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आपको बता दें कि यहां की हरनी झील में गुरुवार को नाव पलटने से 14 लोगों की मौत हो गई. नाव में सवार 12 विद्यार्थियों और दो शिक्षकों की मौत हो गई. ये छात्र पिकनिक मनाने के लिए पहुंचे थे. ये झील में नाव की सवारी कर रहे थे, तभी दोपहर बाद ये हादसा हो गया. अधिकारियों का कहना है कि नाव में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे. नाव में 27 लोग सवार थे, इनमें से 23 विद्यार्थी और चार शिक्षक थे. गुजरात सरकार ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. वडोदरा जिला कलेक्टर को दस दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है. 

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लाइफ जैकेट के बिना नाव में सवार थे बच्चे

गुजरात के गृह राज्य मंत्री सांघवी ने मीडिया से बातचीत में कहा, नौका पलटने की घटना में 12 छात्र और दो शिक्षकों की मौत हो गई. वहीं कुल 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचाया जा चुका है. नौका में सवार 10 यात्रियों के पास ही लाइफ जैकेट थी. इसे भारी लापरवाही मानी जा रही है. सांघवी के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि अन्य दोषियों को पकड़ने को लेकर टीम का गठन किया गया है. 

दस दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी

गुजरात सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. वडोदरा जिला कलेक्टर को 10 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, कलेक्टर को उन कारणों और परिस्थितियों की पूरी जांच करने का निर्देश दिया है. इसकी वजह से यह त्रासदी हुई. पता किया जा रहा है कि कहीं लापरवाही ठेकेदार या किसी अधिकारी की ओर से हुई थी. ऐसी घटनाओं से भविष्य में किस तरह से बचा जा सकता है, इसके लिए भी दिशा-निर्देश जारी होंगे.