केजरीवाल ने कृषि कानून की कॉपी फाड़ी, कहा- और कितनों की जान लोगे
दिल्ली विधानसभा सत्र में नए कृषि कानूनों पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान केजरीवाल ने कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ी दी.
नई दिल्ली :
दिल्ली विधानसभा सत्र में नए कृषि कानूनों पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान केजरीवाल ने कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ी दी. इससे पहले आप विधायक ने भी कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ दी थी.
दिल्ली विधानसभा में बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि किसानों को कृषि कानूनों का फायदा समझ नहीं आ रहा इसलिए अपने दिग्गज़ नेताओं को उतारा है. योगी आदित्यनाथ एक रैली में कह रहे थे कि इन कानूनों से किसी की ज़मीन नहीं जाएगी, ये फायदा है क्या?
उन्होंने आगे कहा,'भाजपा वाले कहते हैं कि किसान अब अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकता है. धान का MSP 1868 रुपये है, ये बिहार और उत्तर प्रदेश में 900-1000 रुपये में बिक रहा है. मुझे बता दीजिए कि ये किसान देश में कहां अपनी फसल बेचकर आएं.'
केंद्र सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने कहा कि कृषि कानूनों को महामारी के दौरान संसद में पारित करने की क्या जल्दी थी? यह पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में मतदान के बिना 3 कानून पारित किए गए. मैंने इस विधानसभा में 3 कानूनों को फाड़ दिया और केंद्र से अपील की कि वे अंग्रेजों से बदतर न बनें.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं. रोज एक किसान शहीद हो रहा हैं. मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता और कितनी शहादत और कितनी जान आप लोगे?
उन्होंने आगे कहा कि 1907 में हूबहू ऐसा ही आंदोलन हुआ था, पगड़ी सम्भाल जट्टा. 9 महीने तक ये आंदोलन अंग्रेज़ों की खिलाफ चला था. उस आंदोलन की लीडरशिप भगत सिंह के पिता और चाचा ने की थी. उस वक्त भी अंग्रेज़ सरकार ने कहा था इसमे थोड़े बदलाव कर देंगे. लेकिन किसान डटे रहे
भगत सिंह ने भी क्या इसीलिए कुर्बानी दी थी कि आज़ाद भारत मे किसानों को इस तरह आंदोलन करना पड़ेगा.
इससे पहले कृषि कानूनों को लेकर सदन में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक महेंद्र गोयल ने तीनों कृषि कानूनों की प्रति फाड़ी. उन्होंने कहा कि ये कानून किसान विरोधी हैं. कैलाश गहलौत ने में सदन में तीनो कृषि बिलों को निरस्त करने का संकल्प पत्र पेश किया