.

दिल्ली में तीसरी लहर की आहट, दो कोरोना संक्रमित बच्चों ने दम तोड़ा

देश से अभी कोरोना (COVID19 ) की दूसरी लहर गया भी नहीं है और लगता है कि तीसरी लहर ( Third Corona Wave ) ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. बीते 2 दिनों में दिल्ली में कोरोना से संक्रमित दो बच्चों ने दम तोड़ दिया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
15 May 2021, 10:33:59 PM (IST)

दिल्ली :

देश से अभी कोरोना (COVID19 ) की दूसरी लहर गया भी नहीं है और लगता है कि तीसरी लहर ( Third Corona Wave ) ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. बीते 2 दिनों में दिल्ली में कोरोना से संक्रमित दो बच्चों ने दम तोड़ दिया है. कोरोना संक्रमित 5 साल की परी और एक 9 साल के क्रिशु का इलाज दिल्ली के जीटीबी (गुरु तेगबहादुर) अस्पताल में चल रहा था. जैसा की डॉक्टर-एक्सपर्ट कह रहे हैं कि कोरोना के तीसरे लहर से ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को है. उसका असर अभी से दिखाई देने भी लगा है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है. राजधानी दिल्ली में कोरोना के तीसरी लहर लगता है दस्तक देना शुरू कर दिया है.
 
उत्तर पूर्वी दिल्ली के नंदनगरी इलाके में रहने वाले प्रह्लाद के 5 साल की परी ने दम तोड़ दिया है. घर में मातम छाया हुआ है. प्रह्लाद ने बताया कि उसे 6 मई को जीटीबी अस्पताल में कोविड टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद एडमिट कराया गया था. छह दिन तक वह वेंटिलेटर पर रही. इलाज के दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई. बुधवार को परी को सीमापुरी श्मशान में दफनाया गया है. उसका अंतिम संस्कार भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी और बच्ची के पिता प्रहलाद ने किया.  जितेंन्द्र सिंह शंटी ने बताया कि अस्पताल से एक एम्बुलेंस में अमूमन एक ही डेड बॉडी आती है. लेकिन उस दिन एक एम्बुलेंस में दो डेड बॉडी देख वो हैरत में आ गए.

दूसरी तरफ उत्तर पूर्वी दिल्ली के ही दिलशाद कॉलोनी में रहने वाले शशांक शेखर ने अपने 9 साल के बच्चे क्रिशु को खो दिया है. बता दें कि पिता शशांक शेखर खुद कोरोना पॉजिटिव हैं. राजीव गांधी हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है लेकिन इस बीच गुरुवार को उनके बच्चे की कोरोना से मौत हो गई.  परिवार वाले बताते हैं कि बुधवार को अचानक से क्रिशु की तबीयत बिगड़ी उसके बाद उसको जीटीबी अस्पताल में एडमिट कराया. जहां गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई है.  जीटीबी अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों बच्चों के ऑक्सीजन लेवल 30 से नीचे पहुंच गया था और लंग्स में इन्फक्शन काफी ज्यादा आ गया था. जिसके कारण उनको बचाना मुश्किल हो गया.