.

Money Laundering Case: राबर्ट वाड्रा के करीबी मनोज अरोरा के खिलाफ फैसला सुरक्षित

प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा के करीबी मनोज अरोरा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की ED की अपील पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है

News Nation Bureau
| Edited By :
08 Jan 2019, 01:54:28 PM (IST)

नई दिल्‍ली:

प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा के करीबी मनोज अरोरा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की ED की अपील पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने दावा किया है कि मनोज अरोड़ा रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी हैं. दिल्‍ली के पटियाला हाउस कोर्ट में ED की ओर से कहा गया कि मनोज अरोड़ा के खिलाफ पहले भी 3 समन जारी किए गए थे. उनके पास रॉबर्ट वाड्रा के विभिन्न दस्तावेज हैं. अरोरा स्काईलाइट और वाड्रा के लिए सबसे आगे का आदमी था. बीकानेर भूमि घोटाले में भी, वह एक आरोपी है. जब तक वह जाँच में शामिल नहीं होगा तब तक जांच नहीं की जा सकती.

यह भी पढ़ेंः गुरुग्राम पुलिस के बाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्‍काई लाइट हॉस्‍पिटैलिटी के खिलाफ ED ने दर्ज किया मुकदमा

बता दें ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने गुरुग्राम जमीन घोटाले (Land Scam) में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की. ED से पहले सितंबर में गुरुग्राम पुलिस ने रॉबर्ट वाड्रा, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और डीएलएफ (DLF) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसकी जांच करने की मंजूरी हाल ही में हरियाणा सरकार ने दे दी थी. पुलिस को दी शिकायत में सुरेंद्र शर्मा ने बताया था कि 2007 में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी (Skylite Hospitality) ने गुरुग्राम में शिकोहपुर गांव में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के जरिए साढ़े 3 एकड़ जमीन औने-पौने रेट में खरीदी थी. इस कंपनी के डायरेक्टर रॉबर्ट वाड्रा हैं. आरोप है कि उस दौरान हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नियम ताक पर रखते हुए इस जमीन को कॉमर्शियल बना दिया था.

यह भी पढ़ेंः आलोक वर्मा के मुद्दे पर बोले अरुण जेटली, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी सरकार

इसके बाद डीएलएफ ने स्काई लाइट कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाते हुए इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में खरीद लिया. पुलिस के अनुसार, स्काई लाइट कंपनी ने जब रजिस्ट्री करवाई, उस समय इस कंपनी की वर्थ एक लाख रुपये थी और इस कंपनी के अकांउंट में पैसे भी नहीं थे. रजिस्ट्री के दौरान जो चेक लगाए गए, वह भी कहीं पर कैश नहीं हुए. हुड्डा पर यह भी आरोप है कि वजीराबाद गांव में 350 एकड़ जमीन डीएलएफ कंपनी को गलत तरीके से अलॉट कर उसे करीब 5 हजार करोड़ का फायदा पहुंचाया.