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Corona Vaccine: वैक्सीनेशन को लेकर लेकर दिल्ली सरकार का अहम फैसला 

देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. वहीं दिल्ली सरकार ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. दिल्ली की 75 वैक्सीनेशन साइट पर सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविडशील्ड (COVISHIELD) लगाई जाएगी. 

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Jan 2021, 12:30:58 PM (IST)

नई दिल्ली:

देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. वहीं दिल्ली सरकार ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. दिल्ली की 75 वैक्सीनेशन साइट पर सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविडशील्ड (COVISHIELD) लगाई जाएगी. ये सभी दिल्ली सरकार के अस्पताल या प्राइवेट अस्पताल है. वहीं 6 वैक्सीनेशन साइट पर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (COVAXIN) लगाई जाएगी, यह सभी केंद्र सरकार के अस्पताल है.  यानि की दिल्ली सरकार के अस्पताल और प्राइवेट अस्पताल सिर्फ COVISHIELD लगाएंगे, जबकि केंद्र सरकार के अस्पताल सिर्फ़ COVAXIN लगाएंगे.

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक ' ऐसा स्पष्ट वर्गीकरण इसलिए किया गया है ताकि दोनों वैक्सीन आपस मे मिक्स-अप ना हो. लाभार्थी को पहली डोज जिस वैक्सीन की लगी है दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की लगे. जिस टीकाकरण केंद्र पर COVISHIELD लगेगी उस पर सिर्फ वही लगेगी और जिस पर COVAXIN लगेगी उस पर सिर्फ़ वही लगेगी'

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दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनवायरस के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए अंतिम रूप से 81 अस्पतालों में स्टॉक किए गए दो कोविड-19 टीके की खेप को 6 सरकारी अस्पतालों में भेजा है. हालांकि, वितरण पैटर्न ने कई लोगों की नाराजगी बढ़ा दी है, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) सहित केवल छह केंद्र संचालित अस्पतालों में आवंटित किया गया है. दिल्ली सरकार द्वारा आवंटित टीकों के साथ अस्पतालों की एक सूची से इस बात का खुलासा हुआ है.

इस बीच, 75 अस्पताल जिनमें राज्य-संचालित और निजी अस्पताल शामिल हैं, को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड मिलेगा, जो देश में अपने विपणन और उत्पादन को संभाल रहा है.

हालांकि, वैक्सीन के वितरण पैटर्न के पीछे दिल्ली सरकार द्वारा कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण या कारण प्रस्तुत नहीं किया गया है, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि यह केंद्र के निर्देश पर किया गया.