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क्या दिल्ली में खत्म हो गया Corona का पीक ! जानिए विशेषज्ञों ने क्या कहा

जाने-माने महामारी वैज्ञानिक डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने कहा है कि केवल अस्पताल में दाखिले के आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि पीक खत्म हो गई है. 

News Nation Bureau
| Edited By :
16 Jan 2022, 02:51:00 PM (IST)

highlights

  • दिल्ली में कोविड मामलों की संख्या और पॉजिटिविटी दर लगातार बढ़ रही
  • स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिए थे संकेत, जल्द ही दिल्ली में कम हो सकते हैं केस
  • डॉ. लहरिया ने कहा- सिर्फ अस्पताल में भर्ती के आंकड़ों के आधार पर नहीं निकाल सकते निष्कर्ष

नई दिल्ली:

Delhi Covid Peak : दिल्ली (Delhi) में कोविड पीक (Covid Peak) खत्म होने को लेकर बड़ा बयान दिया है. विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि कोई यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकता है कि कोरोना वायरस महामारी की चल रही लहर दिल्ली में पूरी तरह से अस्पताल में भर्ती आंकड़ों के आधार पर खत्म हो गई है, क्योंकि दिल्ली में कोविड मामलों की संख्या और पॉजिटिविटी दर (Positivity rate) लगातार बढ़ रही है. हालांकि दिल्ली में अस्पताल में भर्ती होना अपेक्षाकृत कम रहा है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra jain) ने बुधवार को कहा था कि अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति से संकेत मिलता है कि चल रही लहर चरम पर है और मामले जल्द ही कम हो सकते हैं. हालांकि, जाने-माने महामारी वैज्ञानिक डॉ. चंद्रकांत लहरिया (dr. chandrakant lahariya) ने कहा है कि केवल अस्पताल में दाखिले के आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि पीक खत्म हो गई है. 

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डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि इसका कारण यह है कि लोग बीमारी विकसित होने के कुछ दिनों बाद ही अस्पताल में भर्ती होते हैं. कम से कम 6 से 7 दिनों के अंतराल के बाद ही मरीज भर्ती होते हैं. उन्होंने कहा कि दैनिक मामलों की संख्या और पॉजिटिविटी दर का उपयोग पीक का निर्धारण करने के लिए किया जाना चाहिए.

पीक के बारे में पॉजिटिविटी दर घटने के बाद ही पता चलेगा

गैर-संचारी रोगों पर राष्ट्रीय कार्यान्वयन अनुसंधान संस्थान, जोधपुर के निदेशक, डॉ. अरुण शर्मा ने कहा, पॉजिटिविटी दर सबसे महत्वपूर्ण कारक है क्योंकि किए गए परीक्षणों की संख्या के आधार पर मामलों की संख्या बढ़ या घट सकती है, लेकिन जब पॉजिटिविटी दर घटने लगेगी, तो हमें पता चलेगा कि हमने पीक को पार कर लिया है. उन्होंने कहा, ओमीक्रॉन के मामले में ज्यादातर मामले माइल्ड होते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है. इसलिए, पीक चरम पर है या नहीं, यह अस्पताल में भर्ती को देखते हुए निर्धारित नहीं किया जा सकता है.

सत्येंद्र जैन ने मामले कम होने के दिए थे संकेत

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को कहा था कि चार दिन पहले अस्पताल में भर्ती होने से संकेत मिलता है कि चल रही लहर चरम पर है और मामले जल्द ही कम हो सकते हैं. केरल की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की इकाई के अनुसंधान प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि अस्पताल में भर्ती की संख्या महामारी की चल रही लहर की गंभीरता का सबसे अच्छा संकेतक है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि क्या लहर चरम पर है या नहीं.