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दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों के GPF के मामले पर BJP को आप ने घेरा

दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि निगम कर्मचारियों का 1200 करोड़ रुपये जीपीएफ कहां गया? एमसीडी में जिस नई पार्टी की सरकार बनेगी, वह यह पैसा कहां से लेकर आएगी.

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Oct 2021, 02:24:27 PM (IST)

highlights

  • एमसीडी ने काफी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद भी जीपीएफ नहीं दिया: सौरभ भारद्वाज 
  • 2014 से लेकर अब तक इस खाते के अंदर कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है: सौरभ भारद्वाज 

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने कहा है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास कर्मचारियों के जीपीएफ (GPF-General Provident Fund) के 1232 करोड़ रुपये में से सिर्फ 28 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं. एमसीडी के भाजपा नेता 2014 से कर्मचारियों का जीपीएफ जमा नहीं करवा रहे हैं. भाजपा शासित एमसीडी ने काफी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद भी जीपीएफ नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि निगम कर्मचारियों का 1200 करोड़ रुपये जीपीएफ कहां गया? एमसीडी में जिस नई पार्टी की सरकार बनेगी, वह यह पैसा कहां से लेकर आएगी.

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आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि प्राइवेट हो या सरकारी, हर कर्मचारी का जीपीएफ कटता है. इसमें एक हिस्सा कर्मचारी की तनख्वाह से कटता है और दूसरा हिस्सा एंप्लॉयर को जमा कराना होता है। एक कर्मचारी के लिए सेवानिवृत्त होते समय जीपीएफ के पैसे को लेकर बड़ी उम्मीद होती है. कर्मचारी सोचता है कि सेवानिवृत्त होने के बाद जीपीएफ के पैसे से बच्चों की शादी करूंगा, मकान बनाउंगा, काम-धंधे के अंदर पैसे लगाऊंगा और जीवन के दूसरे बड़े काम करुंगा, जिन्हें नौकरी में रहते हुए नहीं कर पाया हूं.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास इस समय मात्र 28 करोड़ रुपये उपलब्ध 
उन्होंने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष ने सवाल पूछा कि कर्मचारियों का जीपीएफ का कितना पैसा होना चाहिए? जिसका जवाब आया कि 1232.45 करोड़ रुपये कर्मचारियों का जीपीएफ होना चाहिए. इसके बाद सवाल पूछा कि जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनका कितना पैसा बकाया है, क्योंकि ऐसे काफी कर्मचारी हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके ‌हैं लेकिन उनको जीपीएफ नहीं दिया गया है. तब जवाब दिया कि उनकी करीब 38.24 करोड़ रुपये की देनदारी है. विधायक ने कहा कि इसके अलावा सवाल पूछा कि 1232 करोड़ रुपये में से अभी आपके पास कितना पैसा है. हैरान करने वाली बात यह है कि 1232 करोड़ की जगह, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास इस समय मात्र 28 करोड़ रुपये उपलब्ध है. बाकि का 1200 करोड़ कहां गया? यह पैसा कहीं और नहीं जा सकता है. यह पैसा कर्मचारी को देना होता है या फिर संस्थान के पास में होता है. इसके अलावा जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 38 करोड़ देना है, उसके एवज में मात्र 28 करोड़ बचे हैं.

2014 से लेकर अब तक पैसा जमा नहीं कराया गया
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हमने इसके बाद सवाल पूछा कि  2014 से अब तक कितना पैसा इस खाते में जमा किया गया है. हैरानी की बात है कि 2014 से लेकर अब तक इस खाते के अंदर कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है. कर्मचारियों की तनख्वाह से पैसा काटा जा रहा है, लेकिन जमा नहीं कराया जा रहा है. सरकार तो बहुत बड़ी चीज है, यदि कोई प्राइवेट कंपनी भी जीपीएफ का पैसा जमा नहीं कर आएगी तो उसके ऊपर फौजदारी का मुकदमा और जेल होती है. एमसीडी के भाजपा नेता 2014 से जीपीएफ जमा नहीं करवा रहे हैं. उन्होंने ना सिर्फ दिल्ली वालों को लेंटर, झाड़ू लगाने, कूड़े के पहाड़ों में लूटा बल्कि अपने कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि निगम कर्मचारियों का 1200 करोड रुपए कहां गया? इस पैसे को कहां से लेकर आएंगे. इस पैसे को गायब कर एमसीडी से भाजपा चली जाएगी. एमसीडी में जो नई पार्टी आएगी और जिसकी सरकार बनेगी, वह यह पैसा कहां से लेकर आएंगी. यह बेहद गंभीर सवाल है.