बिहार के इस इलाके में बाघ हुआ आदमखोर, झुंड बनाकर घर से निकलते हैं लोग, रात में देते हैं पेहरा
बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों में घूम रहा बाघ आदमखोर हो चुका है.
Bagaha:
बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों में घूम रहा बाघ आदमखोर हो चुका है. बाघ ने अब तक 5 लोगों की जान ले ली है. रेस्क्यू टीम अभी तक बाघ का रेस्क्यू नहीं कर पाई है. जिसके वजह से आस-पास के ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर हैं. हालांकि अब बाघ के रेस्क्यू के लिए एक्सपर्ट की टीम मैदान में उतर चुकी है. बगहा में आदमखोर बाघ ने गांववालों का सुख-चैन छीन लिया है. ग्रामीणों की जान का दुश्मन बना बैठा ये बाघ अब तक 5 लोगों को शिकार बनाकर मौत के घाट उतार चुका है. दिन के उजाले में तो फिर भी खौफ कम होता है, लेकिन जैसे-जैसे रात ढलती है. ग्रामीणों को आदमखोर जबड़े का डर सताने लगता है.
जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों में घूम रहा बाघ आदमखोर हो चुका है. बाघ के खौफ ने गांव वालों के साथ वनकर्मियों की नींद भी उड़ा दी है. लोग खेतों में जाने से परहेज कर रहे हैं. गांव में कोई अकेले निकलने की हिम्मत भी नहीं कर पाता. लोग झुंड बनाकर निकलते हैं. ताकि अगर बाघ का सामना हो तो उससे मुकाबला कर सकें. रात-रात भर ग्रामीण पेहरा देते हैं.
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की ओर से किया जा रहा रेस्क्यू अभी तक सफल नहीं हो पाया है. जिसके बाद अब राज्यस्तरीय टीम बाघों के एक्सपर्ट के साथ रेस्क्यू के लिए मैदान में उतर गई हैं. नए इलाकों में घेराबंदी कर बाघ को कब्जे में लेने की कवायद चल रही है. बिहार के मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक के नेतृत्व में वन विभाग के अधिकारियों की टीम खुद फील्ड में उतरकर अभियान चला रही हैं.
आमदखोर बाघ का रेस्क्यू नहीं हो पाया है. जिसके चलते ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर है. हालांकि अब एक्सपर्ट्स की टीम मैदान में उतर चुकी है. जिससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द बाघ का रेस्क्यू कर लिया जाएगा.
रिपोर्ट : राकेश सोनी