सरकारी सिस्टम के मुंह पर आम आदमी का तमाचा! निजी कोष से करवाई सड़क की मरम्मत
बिहार के समस्तीपुर और बेगूसराय में आलम अब यह हो गए हैं कि आने-जाने के लिए जो रास्ते कभी मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाए गए थे वो खस्ताहाल हो चुके हैं.
Samastipur:
बिहार के समस्तीपुर और बेगूसराय में आलम अब यह हो गए हैं कि आने-जाने के लिए जो रास्ते कभी मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाए गए थे वो खस्ताहाल हो चुके हैं. अब सड़कों की बदहाली की वजह से लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग बार-बार संबंधित विभाग के अधिकारियों के दरवाजे पर सड़क की मरम्मत करवाने के लिए प्रार्थना पत्र देते रहे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने कभी भी सड़क की सुधि नहीं ली. ऐसे में कुछ सामाजिक लोगों ने सड़क की मरम्मत करने की जिम्मेदारी उठाई.
मामला समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत खास टभका दक्षिण पंचायत और बेगुसराय जिले के मंसूरचक प्रखंड अंतर्गत समसा का है, जहां पंचायत के सोहिलवारा गांव में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क तो बनी, लेकिन अब सड़क का जमीन पर नामोनिसान नहीं रह गया है. टूटी सड़कों पर एक से डेढ़ फीट गड्ढ़े बने हुए हैं. उस पर जल जमाव के कारण राहगीरों को जान हथेली पर लेकर गुजरने की बातें बताई जाती है. मगर, साकारात्मक पहल और निजी कोष से कराए गए मरम्मति कार्य ने क्षेत्र से होकर गुजरने वाले राहगीरों को राहत दी है.
विभूतिपुर अंतर्गत मध्य विद्यालय राघोपुर से लेकर चक फतेहगंज होते हुए चक बेदौलिया टावर चौक तक जाने वाली मुख्यमंत्री ग्राम सड़क की मरम्मति निजी कोष से कराया गया है. इतना ही नहीं सीमावर्ती बेगुसराय जिले के मंसूरचक प्रखंड और समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड से होकर गुजरने वाली सड़क जो टावर चौक चक बेदौलिया के समीप से सोहिल वारा चौक गोदाम पर तक जाती है का भी मरम्मत निजी कोष से करवाया गया है.
कुल मिलाकर आम आदमी ने सड़क की मरम्मत करवाकर सिस्टम के मुंह पर जो तमाचा मारा है उसकी सराहना हो रही है. साथ ही बेगूसराय और समस्तीपुर में प्रशासनिक अधिकारी जनता की समस्याओं को कितना तवज्जो देते हैं. उसका अंदाजा तो इस रिपोर्ट को देखकर आप लगा ही चुके हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत बनीं सड़कों का प्रशासन क्यों सुधि नहीं लेता.
रिपोर्च : मोनटून रॉय