सड़क निर्माण को लेकर लोग कर रहे पानी में अर्धनग्न प्रदर्शन, दो दिनों से पानी में बैठे हैं ग्रामीण
हाजीपुर बछवाड़ा एनएच 122 वीं सड़क के निर्माण कार्य आरंभ करने की मांग को लेकर सड़क पर जमा पानी में अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन का आज तीसरा दिन है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के खिलाफ जमकर उनके विरुद्ध नारेबाजी कर रहे हैं.
Samastipur:
बिहार में सड़कों का जाल बिछ चुका है. सीएम नीतीश कुमार अक्सर ये बोलते हुए नजर आतें हैं लेकिन जमीनी स्तर पर इसकी सच्चाई कुछ और ही है. राजधानी पटना को अगर छोड़ दें तो ग्रामीण इलाकों की सड़कों की हालत ऐसी है कि चलना मुश्किल है. केंद्र की तरफ से तो राशि मुहैया कराई जाती है. मगर सड़के बन नहीं पाती ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के मौसम में हो जाती है. सड़को पर जगह जगह पानी भर जाता है. अपनी अब इन्ही सब मांगों को लेकर समस्तीपुर में एक अलग तरह का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. जहां बीच सड़क पर जमे पानी में अर्धनग्न अवस्था में बैठकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के खिलाफ जमकर नारे लगाए.
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर बाजार में ग्रामीणों ने हाजीपुर बछवाड़ा एनएच 122 वीं सड़क के निर्माण कार्य आरंभ करने की मांग को लेकर सड़क पर जमा पानी में अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन का आज तीसरा दिन है. जहां बीच सड़क पर जमे पानी में अर्धनग्न अवस्था में बैठकर स्थानीय सांसद सह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के खिलाफ जमकर उनके विरुद्ध नारेबाजी कर रहे हैं. वहीं, सड़क जाम होने की वजह से यातायात बाधित है. बड़ी वाहन सड़क किनारे खड़ी है छोटे वाहन चालक दूसरे सड़कों से किसी प्रकार जाते हैं. सड़क जाम आंदोलन के दौरान एंबुलेंस स्कूल महान एवं अन्य जरूरी वाहन को आने-जाने दिया जाता है. वहीं, आंदोलनकारियों को आम लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है लेकिन अब तक वार्ता के लिए कोई अधिकारी नहीं पहुंचे हैं.
बताते चलें कि राष्ट्रीय उच्च पथ निर्माण को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी थी जो बछवारा प्रखंड के मुरलीटोल से हाजीपुर तक एनएच 122 वीं के नाम से जाना जाता है. केंद्रीय मंत्रालय ने इसके लिए 624 करोड़ रुपए की मंजूरी दी. बछवारा मुरली टोल से हाजीपुर तक निर्माण होने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल दूरी 77 किलोमीटर है. इस सड़क को महनार से मुरली टोल तक टूलेन बनाया जाएगा. इसे हार्ड कंक्रीट सीमेंट से बनाने की योजना थी बाढ़ प्रभावित इलाका होने के चलते सरकार 42 किलोमीटर तक हार्ड कंक्रीट सीमेंट का इस्तेमाल करेगी. टेंडर भी हो गया लेकिन सड़क निर्माण शुरू नहीं होने से ग्रामीण आक्रोशित हैं. इसके लिए कई बार ग्रामीणों के द्वारा अनोखे प्रदर्शन सालों से किए जा रहे हैं लेकिन अब तक निर्माण नहीं हो पाया है.