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बिहार में पंचायत चुनाव की घोषणा, 20 सिंतबर से 25 नवंबर तक होंगे चुनाव

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पंचायत निकायों ग्राम कचहरी के निर्वाचन हेतु अधिसूचना निर्गत कर राज्य निर्वाचन आयोग को 20 अगस्त को निश्चित रूप से उपलब्ध कराएं.

News Nation Bureau
| Edited By :
05 Aug 2021, 09:50:28 PM (IST)

highlights

  • 2.50 लाख करीब पदों पर चुनाव होना है.
  • पहले चुनाव जून में होने थे, लेकिन दूसरी कोविड लहर के कारण इसे स्थगित करना पड़ा
  • त्रिस्तरीय पंचायत व ग्राम कचहरी के विभिन्न पदों के लिए 10 चरणों में चुनाव कराए जाने है

बिहार:

बिहार में दस चरणों में पंचायत आम चुनाव संपन्न कराने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग तारीख तय कर ली है. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. पत्र में त्रिस्तरीय पंचायत-ग्राम कचहरी के आम चुनाव संबंधित अधिसूचना जारी करने का विस्तृत कार्यक्रम भेजकर अनुमति मांगी थी. 2.50 लाख करीब पदों पर चुनाव होना है. त्रिस्तरीय पंचायत व ग्राम कचहरी के विभिन्न पदों के लिए 10 चरणों में चुनाव कराए जाने है. इसके लिए 20 सितंबर, 24 सितंबर, चार अक्टूबर, छह अक्टूबर, 18 अक्टूबर, 22 अक्टूबर, 31 अक्टूबर, सात नवंबर, 15 नवंबर और 25 नवंबर को मतदान संपन्न कराने का प्रस्ताव भेजा गया था. आयोग ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना 20 अगस्त 2021 को जारी करने का प्रस्ताव दिया गया था.

इन पदों में होंगे चुनाव

  • आठ हजार मुखिया
  • आठ हजार सरपंच
  • एक लाख 12 हजार वार्ड सदस्य
  • एक लाख 12 हजार कचहरी पंच
  • पंचायत समिति सदस्य के 11 हजार पद
  • जिला परिषद सदस्य के 1100 पद

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पंचायत निकायों ग्राम कचहरी के निर्वाचन हेतु अधिसूचना निर्गत कर राज्य निर्वाचन आयोग को 20 अगस्त को निश्चित रूप से उपलब्ध कराएं. आयोग ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण सूबे में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं कराया जा सका है. पहले चुनाव जून में होने थे, लेकिन दूसरी कोविड लहर के कारण इसे स्थगित करना पड़ा.

पंचायत चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए एक अग्निपरीक्षा होगी. नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अपने पार्टी सदस्यों को महत्वपूर्ण चुनावों के लिए प्रशिक्षित करने में व्यस्त है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) राज्य भर में जाति समीकरणों का मूल्यांकन कर रहा है और कथित रूप से जनविरोधी को उजागर कर रहा है.