इकलौते बेटे के लिए सांसद और विधायक से मां की गुहार
एक मां अपने अपाहिज मगर राष्ट्रीय रग्बी खिलाड़ी बेटे के लिए एक व्हीलचेयर के लिए अपने क्षेत्र के सांसद और विधायक से गुहार लगा रही है. दरअसल, एस्पैनल कोर्ड में इंजरी के बाद कमर से नीचे अपाहिज हो चुके एक मात्र बेटे के बेहतर भविष्य के लिए गुहार लगा रही है
Patna:
एक मां अपने अपाहिज मगर राष्ट्रीय रग्बी खिलाड़ी बेटे के लिए एक व्हीलचेयर के लिए अपने क्षेत्र के सांसद और विधायक से गुहार लगा रही है. दरअसल, एस्पैनल कोर्ड में इंजरी के बाद कमर से नीचे अपाहिज हो चुके एक मात्र बेटे के बेहतर भविष्य के लिए गुहार लगा रही है. विधाता के मार के आगे हम मनुष्य बेबस हो जाते हैं, उसकी माया कोई नहीं जानता. कुछ ऐसा ही हुआ राहुल दयाल के साथ, ये है राहुल दयाल. घर में एक भाई और दो बहन है.
बचपन से लेकर दसवीं तक की पढाई-लिखाई खूब अच्छे से चला. बारहवीं की परीक्षा के बाद अचानक राहुल को पता चला कि उसके एस्पैनल कोर्ड में ट्यूमर हो गया है. वर्ष 2017 में एस्पैनल कोर्ड का ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद वो अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सका. कमर से नीचे के शरीर अंग काम करना बंद कर दिया था. इस घटना के बाद राहुल डिप्रेशन में चला गया. मगर काफी मशक्कत के बाद डिप्रेशन से बाहर निकला और फिर कुछ कर गुजरने की ठानी.
कहा जाता है लगातार अभ्यास करने से किसी भी कठिन मुकाम को हांसिल किया जा सकता है. राहुल ने व्हीलचेयर पर से ही रग्बी खेलना शुरू कर दिया और आज नेशनल व्हीलचेयर रग्बी व नेशनल व्हीलचेयर बास्केटबॉल का राष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में जाने जाना लगा. खेल में आगे बढ़ने के लिए उसे एक अच्छे व्हीलचेयर की आवश्यकता है. मगर घर की आर्थिक तंगी से वो उसे खरीदने में असमर्थ है. वैसे वो अभी ऑनलाइन के माध्यम से लोगों डिजाइनिंग का काम भी करता है. अब व्हीलचेयर ही नसीब बन गया है.
अपने स्वस्थ्य बेटे को अचानक व्हीलचेयर पर देखकर एक माँ के दिलों पर क्या गुजर होगा ये सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. आंखों में आंसू और दिल में दर्द को छिपाए हुए राहुल की मां ने बताया कि अब हमारे बेटे के व्हीलचेयर के लिए सांसद और विधायक ही गुहार लगा रही है. किसी तरह से बेटा अपने जीवन में आगे बढ़ जाए, यही एक मां की दुआ है. अब देखने वाली बात ये होगी कि एक मां की गुहार स्थानीय सांसद और विधायक तक कब तक पहुंचती है.