बिहार NDA में मचा घमासान क्या BJP का बिगाड़ देगा खेल ?
पांच राज्यों में चुनाव के बीच बीजेपी के लिए उनकी सहयोगी पार्टियां मुसीबत बनती नजर आ रही है. एनडीए के बीच दरार दिखने लगी है.
नई दिल्ली:
पांच राज्यों में चुनाव के बीच बीजेपी के लिए उनकी सहयोगी पार्टियां मुसीबत बनती नजर आ रही है. एनडीए के बीच दरार दिखने लगी है. एनडीए में दरार विधानसभा चुनाव को लेकर नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर है. बिहार में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी को धमकी भरे अंदाज में जवाब दिया. उन्होंने बीजेपी को 30 नवम्बर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि उसके बाद उनकी पार्टी अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होगी. इस तरह उन्होंने 30 नवंबर तक एनडीए में बने रहने की घोषणा भी की है. जिसके बाद बीजेपी ने उपेंद्र कुशवाहा को हिदायत दी है. इतना ही नहीं जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) भी कुशवाहा से खासी नाराज है. कुशवाहा की ओर से नीतीश कुमार पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए जेडीयू ने कहा कि अगर दर्द पेट में है तो कुशवाहा को सिरदर्द की दवा नहीं खोजनी चाहिए.
गौरतलब है कि 17 नवंबर को उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि नीतीश कुमार बहुत पहले से उपेंद्र कुशवाहा को बर्बाद करना चाहते हैं, उनका रवैया बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मेरे विधायक को प्रलोभन देकर मुख्यमंत्री तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो बहुत ही घृणित काम है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी ने जो ऑफर दिया है, वह सम्मानजनक नहीं है. हम उसे ठुकराते हैं. भूपेंद्र यादव से मेरी दो बार मुलाकात हुई मगर उन्होंने जो सीट दिया, वो स्वीकार नहीं. अमित शाह से हमारी मुलाकात नहीं हो पा रही है. हमने प्रयास किया था. अब हम किसी से मुलाकात का प्रयास अपने तरफ से नहीं करेंगे. उधर से प्रयास हो तो ठीक है. सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात का एक प्रयास करेंगे. ये स्थिति अगर बनी रही तो ये NDA के लिए घातक होगा.
बिहार में जिस तरह एनडीए के घटक दल आमने-सामने आ गए हैं. ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव का जायका इस खटास से खराब हो सकता है. अब देखना है कि बीजेपी की कमान संभाल रहे अमित शाह किस तरह उपेंद्र कुशवाहा को समझाते हैं या फिर उन्हें पूरी तरह दरकिनार करते हैं.