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कभी देखा है बच्चों को पढ़ाने का ऐसा अनोखा तरीका, जिसकी सब तरफ हो रही है तारीफ

समस्तीपुर से एक ऐसे ही शिक्षक के पढ़ाने के बेहद अलग तरीका सामने आया है जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम होगी.

News Nation Bureau
| Edited By :
05 Sep 2022, 03:52:26 PM (IST)

Samastipur :

अक्सर बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहते हैं, लेकिन समस्तीपुर से एक ऐसे ही शिक्षक के पढ़ाने के बेहद अलग तरीका सामने आया है जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम होगी. इन शिक्षक का नाम है बैजनाथ रजक. जो बच्चों को अलग ही अंदाज से पढ़ाते हैं. बैजनाथ महतों गीत-संगीत के माध्यम से बच्चों को पढ़ाते हैं. बिहार के शिक्षकों के पढ़ाने के तौर तरीकों और योग्यता पर सवाल उठते हैं. तमाम तरह के वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल भी होते रहते हैं, लेकिन बिहार के ही स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने के अच्छे वीडियोज भी सामने आते रहते हैं और ऐसी ही एक अच्छी तस्वीर आज हम आपके सामने रख रहे हैं.

ये तस्वीर हसनपुर प्रखंड के राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय की है और तस्वीर में बच्चों को गीतों के माध्यम से पढ़ातें दिख रहे शिक्ष हैं बैजनाथ रजक. 2006 में बैजनाथ रजक शिक्षक बने थे और तब से ही छात्रों को एक अलग ही अंदाज में शिक्षा देते हैं. बैजनाथ रजक न सिर्फ छात्रों के अभिभावकों से मिलकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए समझाते हैं. बल्कि छात्रों को गीत संगीत के माध्यम से शिक्षा देते हैं. शिक्षक के पेशे में आने से पहले भी बैजनाथ लोगों को सामाजिक मुद्दों पर जागरुक करने के लिए नाटक का मंचन किया करते थे. एक तरफ बैजनाथ के दिल में नाटक और मंचन की कला थी तो दूसरी तरफ उनके कंधों में छात्रों के भविष्य को सुधारने की जिम्मेदारी. फिर क्या था बैजनाथ ने न तो नाटक, मंचन, गीत और संगीत का साथ छोड़ा और न ही बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी.

शिक्षक बैजनाथ के इस पहल से छात्र भी खुश रहते हैं. छात्रों राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय मालदह के शिक्षक के इस अनोखे तरीके से विद्यालय के बच्चे खुशी महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके शिक्षक गीत के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दे रहे हैं जिससे उन्हें भी अच्छा लग रहा है. ना सिर्फ छात्र बल्कि छात्रों के अभिभावक और स्कूल के दूसरे शिक्षव और पदाधिकारी भी शिक्षक बैजनाथ के इस पहल के कायल है और उनकी जमकर तारीफ करते हैं.

निश्चित तौर पर शिक्षक बैजनाथ रजक का यह प्रयास न सिर्फ बच्चों को विद्यालय के प्रति आकर्षित कर रहा है बल्कि सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की छवि को बेहतर बनाने का काम भी कर रहा है. शिक्षक बैजनाथ का छात्रों के गीत संगीत के माध्य से पढ़ाने का ये अनोखा तरीका खासकर उन लोगों के मुंह पर तमाचा मारने का काम करेगा जो सिर्फ सूबे की शिक्षा व्यवस्था की आलोचना करते हैं.

रिपोर्ट : मोनटुन रॉय