सरकार ने अपने फंडदाताओं के जरिए अन्नदाताओं को कठपुतली बनाने का काम किया हैं: तेजस्वी यादव
कृषि बिल (Farm Bills 2020) को लेकर आज 'भारत बंद' (Bharat Bandh) बुलाया गया है, देशभर के किसान सड़क पर उतर रहे हैं. वहीं कई राजनीतिक पार्टियां भी सरकार के इस बिल के खिलाफ लगातार इसका विरोध कर रही हैं.
नई दिल्ली:
कृषि बिल (Farm Bills 2020) को लेकर आज 'भारत बंद' (Bharat Bandh) बुलाया गया है, देशभर के किसान सड़क पर उतर रहे हैं. वहीं कई राजनीतिक पार्टियां भी सरकार के इस बिल के खिलाफ लगातार इसका विरोध कर रही हैं. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने भी कृषि बिल को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. इसके साथ ही इस बिल को पूरी तरह किसान विरोधी भी बताया है.
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तेजस्वी यादव ने कहा, 'सरकार ने अपने फंडदाताओं के जरिए अन्नदाताओं को कठपुतली बनाने का काम किया है, ये पूरी तरह किसान विरोधी बिल हैं. इस सरकार ने ऐसा कोई भी सेक्टर छोड़ने का काम नहीं किया जिसका इन्होंने निजीकरण न किया हो. MSP का कहीं भी विधेयक में जिक्र नहीं है.'
वहीं तेजस्वी यादव ने कृषि बिलों के विरोध में पटना में ट्रैक्टर चलाकर बिलों के खिलाफ अपना विरोध जताया.
#WATCH Patna: Rashtriya Janata Dal leader Tejashwi Yadav drives a tractor, as he takes part in the protest against #FarmBills passed in the Parliament. #Bihar pic.twitter.com/3CanJjtGo4
— ANI (@ANI) September 25, 2020वहीं दूसरी तरफ कृषि बिल के खिलाफ आज बिहार के दरभंगा में राजद कार्यकर्ताओं ने अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया है. राजद कार्यकर्ताओं ने भैंस पर बैठकर बिल का विरोध किया है.
Bihar: RJD (Rashtriya Janata Dal) workers protest in Darbhanga, against #FarmBills, while riding buffaloes. pic.twitter.com/cKA2wpXa6B
— ANI (@ANI) September 25, 2020बता दें कि करीब 18 राजनीतिक दलों के विरोध के बीच संसद द्वारा पारित फार्म बिल के विरोध में दो दर्जन से अधिक किसान संगठनों ने शुक्रवार को 'भारत बंद' के समर्थन की घोषणा की है. पंजाब और हरियाणा के 31 किसान संगठन पहले से ही विरोध कर रहे हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में संसद सत्र के दौरान सरकार द्वारा पारित किए गए तीन फार्म बिलों के विरोध में देशभर में अखिल भारतीय किसान संघ (एआईएफयू), भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू), अखिल भारतीय किसान महासंघ (एआईकेएम) और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) और अन्य राजनीतिक रूप से समर्थित संगठनों ने किसानों से रैली निकालने व विभिन्न हिस्सों में धरना देने का आग्रह किया है.