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LJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटाए गए चिराग, सूरजभान सिंह बने कार्यकारी अध्यक्ष

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) (Lok Janshakti Party) में मचे घमासान के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) को संसदीय दल के नेता के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Jun 2021, 04:58:17 PM (IST)

नई दिल्ली:

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) (Lok Janshakti Party) में मचे घमासान के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) को संसदीय दल के नेता के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है. चाचा पशुपति कुमार पारस समर्थक नेताओं ने LJP संविधान का हवाला देते हुए चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया है. उनका कहना था कि तीन-तीन पदों पर चिराग पासवान एक साथ काबिज थे. बताया जा रहा है कि पशुपति कुमार पारस 20 जून तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल लेंगे. 

चिराग पासवान को हटाने के बाद सूरजभान सिंह को लोजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है.

लोक जनशक्ति पार्टी में उठापटक के बीच सांसद चिराग पासवान का एक पत्र वायरल हुआ है, जो 29 मार्च को उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को लिखा था, जिसमें चिराग रामविलास पासवान के रहने के वक्त का जिक्र किए हैं. करीब छह पन्नों के इस पत्र में चिराग ने पार्टी, परिवार व रिश्तेदारी जैसे हर मसले पर खुल कर अपनी बातें रखी हैं.

अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को निशाने पर लेते हुए चिराग पासवान ने यह भी लिखा है कि 2019 में रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से ही आप में बदलाव देख रहा था. प्रिंस को जब जिम्मेदारी दी गई तब भी आपने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. पापा ने पार्टी को आगे बढाने के लिए मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया तो इस फैसले पर भी आपकी नाराजगी रही. चिराग ने पत्र लिखकर यह बताने की पूरी कोशिश की है. उन्होंने पार्टी व परिवार में एकता रखने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें असफल रहें.

Chirag Paswan has been removed from the post of national president of Lok Janshakti Party (LJP) pic.twitter.com/LwWc6zyxRU

— ANI (@ANI) June 15, 2021

सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान ने अभी अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक बैठक बुलाई है. वर्चुअल तरीके से यह बैठक होगी. हालांकि, दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यसमिति के कुछ सदस्य मौजूद हैं. वे चिराग के साथ बैठक में मौजूद रहेंगे. 

आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को लोकसभा स्पीकर ने एलजेपी के पांचों सांसदों की मांग मान ली. पशुपति पारस को LJP का संसदीय दल का नेता माना गया है. इस पर अब 13 जून को बैठक होगी. इसी मसले पर पशुपति पारस ने सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं है, पार्टी को बचाया है. 

इस बीच खबर आई कि चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस के लिए अपनी चाची को संदेश छोड़ा है कि मैं भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार हूं, मेरी मां यानी राम विलास पासवान की पत्नी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाए, वे सबसे बड़ी हैं. पार्टी जैसे चल रही है चलती रहने दी जाए. संसदीय दल के नेता भी चाचा ही रहें. चिराग पासवान ने एक बार पशुपति कुमार पारस और सांसदों के साथ बैठ चर्चा करने की बात कही है.