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बिहार में चमकी बुखार का जहां हो रहा है इलाज, वहां आसमान से गिरी 'आफत'

रविवार को SKMCH के आईसीयू (ICU) के बाहर छत का एक हिस्सा ढह गया. गनीमत रही कि इसमें कोई घायल नहीं हुआ.

News Nation Bureau
| Edited By :
23 Jun 2019, 04:32:39 PM (IST)

highlights

  • बिहार में चमकी बुखार से अबतक 109 बच्चों की मौत
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का एसकेएमसीएच में चल रहा इलाज
  • एसकेएमसीएच की जर्जर हालत, आईसीयू के बाहर छत का हिस्सा गिरा

नई दिल्ली:

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (ASE) का कहर फैला हुआ है. अबतक कई मासूम बच्चों की जिंदगी चमकी नामक बीमारी ने ले ली है, वहीं कई बच्चों का इलाज श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) में चल रहा है. इस अस्पताल में अब तक कई नेता और मंत्री आ चुके हैं. यहां तक की सीएम नीतीश कुमार भी इस अस्पताल का दौरा कर चुके हैं, लेकिन किसी की नजर इस अस्पताल की बदहाली पर नहीं पड़ी. तभी तो आज यानी रविवार को एक बड़ा हादसा घटा. हालांकि इस हादसे में किसी भी तरह की जानमाल का नुकसान नहीं हुआ. 

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रविवार को SKMCH के आईसीयू (ICU) के बाहर छत का एक हिस्सा ढह गया. गनीमत रही कि इसमें कोई घायल नहीं हुआ. इस घटना से समझ सकते हैं कि अस्पताल की स्थिति कैसी होगी. जिस बिल्डिंग में यह अस्पताल चल रहा है वो जर्जर हो चुकी है. इसके बावजूद अभी तक इसे ठीक नहीं कराया गया है. जबकि इस अस्पताल में कई जगहों के मरीज इलाज के लिए आते हैं.

वहीं, एसकेएमसीएच के सुप्रीटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने कहा, 'छत पर जो प्लास्टर लगी थी वो गिर गया. कोई भी जख्मी नहीं हुआ है. यह किसी वार्ड के अंदर नहीं बल्कि बरामदे के आसपास है. PICU वार्ड नंबर 6-7 के बीच में है लेकिन वार्ड नंबर 5-6 के बीच का प्लास्टर गिर गया है. 

Sunil Kumar Shahi, Muzaffarpur, SKMCH, Muzaffarpur superintendent: A patch of plaster from the roof fell off,nobody has been injured. It's not inside any ward but around the veranda area. PICU is in between ward number 6-7 but the patch fell between ward number 5-6. #Bihar pic.twitter.com/5AbayNh3If

— ANI (@ANI) June 23, 2019

बता दें कि अस्पताल में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण 109 लोगों की मौत हो गई है. सीएम नीतीश कुमार ने अस्पताल का दौरा करने के बाद इस अस्पताल में सुविधा को बढ़ाने का आदेश दिया है. बता दें कि 5 साल पहले यानी 2014 में चमकी बीमारी से 379 बच्चों की मौत हुई थी, तब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल का दौरा किया था और 100 बेड के सुपर स्पेशलिटी वाले यूनिट के निर्माण का ऐलान किया था. लेकिन ऐलान सिर्फ कागजों में रह गया. इस अस्पताल को 2500 बेड वाला अस्पताल बनाने के आदेश दिए गए हैं. बिहार के कुल 12 जिले के 222 प्रखंड प्रभावित हैं. लेकिन इनमें से 75 प्रतिशत केस मुजफ्फरपुर में हैं.