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बगहा का आदमखोर बाघ मारा गया, 9 लोगों का कर चुका था शिकार

जिसकी दहाड़ से बगहा के कई गांव में खामोशी थी, वो आदमखोर बाघ ढेर हो चुका है. जिस आदमखोर की चहलकदमी की आहट से ही पूरा गांव सहम जाता था, वो आदमखोर आज चित है.

08 Oct 2022, 08:29:37 PM (IST)

Bagaha :

जिसकी दहाड़ से बगहा के कई गांव में खामोशी थी, वो आदमखोर बाघ ढेर हो चुका है. जिस आदमखोर की चहलकदमी की आहट से ही पूरा गांव सहम जाता था, वो आदमखोर आज चित है. जिसके बाघ के डर से गांव वाले घर से निकल नहीं रहे थे. आज उसकी लाश देख राहत की सांस ले रहे हैं. महीनों से जिस आदमखोर का आतंक गांव में बना था. आज उस आदमखोर का अंत हो चुका है. पिछले कई महीनों से बड़े आराम से ने नरभक्षी वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के जंगल से निकला था. दिन बढ़ता गया और इन नरभक्षी बाघ का आतंक भी. बगहा के गोबर्धना, डुमरी, हरहिया सरेह, बलुआ के साथ-साथ कई गांव में इस आदमखोर की चहलकदमी बढ़ गई थी और बढ़ते दिन इसके शिकार का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा था.
 
आदमखोर बाघ के शिकार
8 मई को अविनाश कुमार बैरिया कला हरनाटांड़
14 मई को जिमरी, नौतनवा सेमरा थाना
20 मई को पार्वती देवी, कटाह पुरैना, चिउटहां थाना
14 जुलाई धर्मराज काजी, बैरिया कला हरनाटांड़
12 सितंबर गुलाबी देवी, बैरिया कला हरनाटांड़
21 सितंबर रामप्रसाद उरांव, बैरिया कला सरेह में हरनाटांड़
6 अक्टूबर को बगड़ी कुमारी, सिगाही गांव
7 अक्टूबर को संजय महतो, डुमरी थाना गोबर्धना
8 अक्टूबर को बलुआ गांव में मां-बेटे पर हमला, मौत

आदमखोर को काबू करने की तमाम कोशिशें नाकाम होते जा रही थी और जब बाघ के आतंक के आगे बेबसी ज्यादा बढ़ गई तो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण यानि NTC ने इस आदमखोर को मार देने का आदेश जारी कर दिया. 7 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चला और आदमखोर को जमीन पर ढेर कर दिया गया. आदमखोर बाघ मारा गया है, लेकिन इस नरभक्षी के हर शिकार पर उतने ही सवाल हैं. सवाल ये कि एक बाघ को काबू करने पर महीनों कैसे लग गये. कहीं ना कहीं ये वनकर्नियों की नाकामियों का भी नतीजा है.