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Birthday Special: तेंदुलकर के आगे रहम की भीख मांग रहा था पाकिस्तान, इन पारियों ने सचिन को बनाया था क्रिकेट का भगवान

1999 विश्व कप के दौरान ही सचिन तेंदुलकर के पिता का निधन हो गया था. सचिन ने बुरे वक्त में भी टीम का साथ नहीं छोड़ा था क्रिकेट खेलते रहे थे.

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Sunil Chaurasia
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Birthday Special: तेंदुलकर के आगे रहम की भीख मांग रहा था पाकिस्तान, इन पारियों ने सचिन को बनाया था क्रिकेट का भगवान

फाइल फोटो- सचिन तेंदुलकर

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था. बचपन से ही क्रिकेट में जबरदस्त रूचि रखने वाले सचिन ने साल 15 नवंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में डेब्यू किया था. आज हम आपको सचिन के करियर की उन पारियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान बना दिया.

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1998, शारजाह (यू.ए.ई)

साल 1998 में शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में सचिन की 143 रनों की पारी उनकी सबसे यादगार पारियों में से एक है. ऑस्ट्रेलिया से मिले 276 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का कोई भी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया. मैच में केवल सचिन तेंदुलकर ने ही शानदार शतक ठोका था. मैच के दौरान जबरदस्त रेतीला तूफान आया, जिसकी वजह से मैच को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा था. रेतीला तूफान जब शांत हुआ तो सचिन तेंदुलकर ने शारजाह में अपने चौके-छक्कों का तूफान लाकर खड़ा कर दिया था. भारत वो मैच बेशक हार गया हो, लेकिन सचिन की उस पारी ने दुनिया भर में जबरदस्त फैन-फॉलोइंग बटोर ली थी.

1999, ब्रिस्टल (इंग्लैंड)

1999 विश्व कप में भारत की काफी खराब शुरुआत होती है. भारत टूर्नामेंट के दो शुरुआती मैच गंवा चुका था. ये वही समय था जब सचिन तेंदुलकर के पिता का देहांत भी हो गया था. पिता के निधन की खबर सुनने के बाद सचिन तेंदुलकर का मानो पूरा संसार उजड़ गया हो. छोटी से उम्र में सचिन को मिले इतने बड़े दुख ने उन्हें तोड़कर रख दिया था. लेकिन उनकी मां की एक बात और पिता की ख्वाहिश ने उनका जीवन बदल दिया था. सचिन इस दुख की घड़ी में अपने घर जाकर मां के साथ रहना चाहते थे. लेकिन उनकी मां ने कहा कि सचिन के पिता और वे खुद उन्हें हमेशा क्रिकेट के मैदान में ही देखना चाहते हैं. सचिन की मां ने उनसे कहा था कि वे घर आने के बजाए देश के लिए क्रिकेट खेलें. सचिन के पिता के देहांत के बाद भारत का अगला मैच केन्या के साथ था. उस मैच में सचिन ने 101 गेंदों में 140 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी.

2003, सेंचुरियन (दक्षिण अफ्रीका)

2003 विश्व कप के दौरान लीग राउंड में भारत का मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ खेला जा रहा था. उस मैच में सचिन तेंदुलकर का सीधा मुकाबला दुनिया की सबसे खतरनाक तिकड़ी वकार युनिस, वसीम अकरम और शोएब अख्तर से होना था. लेकिन सचिन बल्लेबाजी करने के लिए जैसे ही मैदान में उतरे, दुनिया की ये सबसे खतरनाक तिकड़ी सचिन के आगे रहम की भीख मांगने लगी थी. उस मैच में सचिन ने 75 गेंदों पर धुंआधार 98 रनों की पारी खेली थी. मैच में सचिन ने 12 चौके और 1 छक्का भी लगाया था. मास्टर-ब्लास्टर बेशक पाकिस्तान के खिलाफ अपने शतक से चूक गए हों, लेकिन उन्होंने सिर्फ पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में ही नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान में अपना खौंफ पैदा कर दिया था.

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2010, ग्वालियर (भारत)

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए इस मैच से पहले दोहरे शतक सिर्फ टेस्ट क्रिकेट का ही हिस्सा हुआ करते थे. लेकिन सचिन तेंदुलकर ने लोगों को एकदम नया और अनोखा क्रिकेट दिखाया. सचिन तेंदुलकर ने साल 2010 में ग्वालियर के मैदान में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 200 रनों की पारी खेली थी. वनडे क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब 50 ओवर के मैच में किसी बल्लेबाज ने दोहरा शतक जड़ दिया हो. सचिन ने अपनी इस पारी में 25 चौके और 3 छक्के लगाए थे.

Source : Sunil Chaurasia

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