IPL 10 पर पड़ी नोटबंदी की मार, नहीं मिल रहे बड़े प्रायोजक
नोटबंदी का असर आईपीएल पर भी पड़ता दिख रहा है। अप्रैल-मई में होने वाले आईपीएल सीजन 10 के लिए प्रायोजक नहीं मिल रहे हैं और न ही किसी बड़ी मार्केटिंग डील की घोषणा अबतक हुई है।
नई दिल्ली:
नोटबंदी का असर आईपीएल पर भी पड़ता दिख रहा है। 4 अप्रैल से शुरु होने वाले आईपीएल पर नोटबंदी और बीसीसीआई में चल रही तनातनी की मार पड़ी है। अप्रैल-मई में होने वाले आईपीएल सीजन 10 के लिए प्रायोजक नहीं मिल रहे हैं और न ही किसी बड़ी मार्केटिंग डील की घोषणा अबतक हुई है।
दुनिया की सबसे ज्यादा मालदार क्रिकेट लीग आईपीएल पर इन दिनों नोटबंदी की मार झेल रहा है। एक रिपोर्ट की माने तो आगामी सीजन के लिए आईपीएल के लिए प्रायोजक जुटाने मुश्किल हो रहे हैं। अभी कोई भी कंपनी आईपीएल में स्पॉन्सरशिप के लिए तैयार नहीं है। वहीं पिछले साल में बड़ी डील्स की घोषणा फरवरी के शुरुआत से ही होने लगी थी।
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एक रिपोर्ट के अनुसार आईपीएल ने लगभग 2500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया था। वहीं ब्रॉडकास्ट राइट्स होल्डर सोनी पिक्चर्स को ऐड सेल्स से करीब 1,100 करोड़ रुपये की आमदनी मिली थी।
नोटबंदी के कारण पीछे हट रहीं कंपनियां
एक विज्ञापन एजेंसी के चेयरमैन आशीष भसीन ने कहा है, 'इस समय बीसीसीआई खुद परेशानी में है और इससे आईपीएल की मार्केटिंग पर असर पड़ा है। इसके साथ ही नोटबंदी के कारण कंपनियां भी खर्च को लेकर अधिक सतर्क हो गई हैं'।
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आईपीएल में विज्ञापन देने वालों में बेवरेजेज इंडस्ट्री का बड़ा योगदान रहता है क्योंकि यह टूर्नामेंट इस इंडस्ट्री के पीक सीजन गर्मी में होता है। इस बार नोटबंदी कारण ज्यादातर बेवरेज कंपनियों जबरदस्त घाटा हुआ है। जिस कारण ये कंपनियां इसमें हाथ डालने से डर रही हैं। बेवरेजेज इंडस्ट्री के एक एग्जिक्यूटिव ने बताया, 'अभी तक मार्केटिंग की रफ्तार काफी कम है। हमने अभी तक अपना प्लान फाइनल नहीं किया है'।