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नरिंदर बत्रा के खिलाफ फैसला दूसरों के लिए बनेगा मिसाल : असलम शेर खान

नरिंदर बत्रा के खिलाफ फैसला दूसरों के लिए बनेगा मिसाल : असलम शेर खान

IANS
| Edited By :
19 Jul 2022, 06:50:01 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी असलम शेर खान ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के खिलाफ भविष्य को देखते हुए फैसला दिया है और यह अन्य लोगों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 जून को आईओए अध्यक्ष बत्रा को अपने पद से तत्काल इस्तीफा देने का आदेश दिया था। अदालत का आदेश 1975 के विश्व कप विजेता असलम शेर खान द्वारा दायर एक अवमानना याचिका में आया था, जो 1975 के हॉकी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली विजेता टीम के हिस्सा थे।

25 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि हॉकी इंडिया ने बत्रा और सीईओ एलेना नॉर्मन को आजीवन सदस्य के रूप में नियुक्त कर राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन किया था और अपने दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिए प्रशासकों की तीन सदस्यीय समिति (सीओए) का गठन किया था।

आईओए प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सदस्य और एफआईएच अध्यक्ष के पदों से बत्रा ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया।

असलम शेर खान ने आईएएनएस को बताया, मूल रूप से उन्होंने आजीवन अध्यक्ष और हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य बनने और मतदान का अधिकार लेने की गलतियां की हैं। इसके साथ, उन्होंने राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन किया है। कोई भी आजीवन अध्यक्ष नहीं बन सकता। मुझे इस बात की अधिक खुशी है कि माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला दिया है।

कोर्ट ने कहा, किसी भी खेल निकाय में पद मूल रूप से कार्यकाल आधारित होते हैं। इसलिए आजीवन सदस्य बनना स्पष्ट रूप से नैतिक और कानूनी रूप से सही नहीं है। सरकार ने पहले ही नियम बना लिया है कि सभी को राज्य संघों से आना है। तो जीवन सदस्य खंड कहां है? क्या कोई आजीवन सदस्य हो सकता है?

खेल पर बत्रा के महासंघ से बाहर होने के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने जवाब दिया, कुछ नहीं। भारत में सरकार हर खेल महासंघ को वित्त पोषित कर रही है। इसलिए मुझे ऐसा कुछ नहीं दिखता।

खान 1997 में भाजपा में शामिल हुए थे और दो साल बाद इसे छोड़ दिया था, उन्होंने कहा कि सरकार खेल संघों को हर तरह का समर्थन दे रही है, लेकिन अच्छे नतीजे नहीं आ रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, हमें हर चीज पर नजर रखने, हर चीज का मूल्यांकन करने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन की निगरानी की जानी चाहिए। तब हम सही लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

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