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एफएसडीएल के बाद अब राज्य संघों ने एआईएफएफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

एफएसडीएल के बाद अब राज्य संघों ने एआईएफएफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

IANS
| Edited By :
20 Jul 2022, 08:25:01 PM (IST)

नई दिल्ली: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघों (एआईएफएफ) के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रशासकों की समिति (सीओए) नियुक्त किया है, जिसने प्रस्तावित मसौदा में एआईएफएफ के संविधान में कुछ खंडों में संशोधन के उनके सुझावों को खारिज कर दिया। उसको लेकर फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) के बाद कुछ राज्य संघों ने कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है।

सूत्रों ने अनुसार, एआईएफएफ के 35 राज्य संघों ने मसौदे पर 20 से अधिक आपत्तियां उठाई हैं, लेकिन अभी तक सीओए से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

सूत्रों ने बताया कि छह जुलाई को सीओए के साथ बैठक के दौरान एआईएफएफ के राज्य संघों का प्रतिनिधित्व करने वाली सात सदस्यीय समिति ने विभिन्न पहलुओं को उठाया और संविधान के मसौदे पर सुझाव दिए। दो घंटे की बैठक में एसए प्रतिनिधियों ने सीओए द्वारा विचार के लिए कई विचार रखे।

अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है। मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी।

इससे पहले, सूत्रों के अनुसार, एफएसडीएल जिस तरह से एससी द्वारा नियुक्त सीओए ने संविधान का मसौदा तैयार किया है, उससे खुश नहीं है। इसमें आईएसएल में पदोन्नति और निर्वासन के सिद्धांतों को लागू करने के खंड भी शामिल हैं।

सूत्रों ने अनुसार, यही कारण है कि एफएसडीएल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है और इस मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर मामले में एफएसडीएल ने कहा, आवेदक, भारतीय फुटबॉल में एक महत्वपूर्ण हितधारक होने के नाते, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को विधिवत रूप से एआईएफएफ के प्रस्तावित संविधान पर अपनी टिप्पणियों और आपत्तियों को प्रस्तुत करता है। यह आवेदक का विनम्र निवेदन है कि प्रशासकों की समिति (सीओए) विचार करने में विफल रही है और यहां तक कि आवेदक द्वारा एआईएफएफ के संविधान के लिए कुछ भौतिक सुझावों और आपत्तियों को भी खारिज कर दिया है।

एफएसडीएल ने कहा, आवेदक इस माननीय न्यायालय से संपर्क करने के लिए विवश है, क्योंकि एक दीर्घकालिक समझौते के तहत आवेदक के पक्ष में दिए गए कुछ विशेष अधिकार (यानी मास्टर राइट्स एग्रीमेंट दिनांक 09.12.2010 ) वर्ष में निष्पादित किया गया है।

फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासकों की समिति (सीओए) को संविधान की विधियों में संशोधन करने और 15 सितंबर, 2022 तक चुनाव संपन्न करने के लिए 31 जुलाई की समय सीमा तय की है।

सूत्र के अनुसार, अगर मामला लंबा खिंच जाता है और फीफा-एएफसी प्रतिनिधिमंडल द्वारा निर्धारित समय सीमा से आगे जाता है, तो खेल की विश्व शासी निकाय एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगा सकती है।

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