जानें उस उग्रवादी के बारे में जिसके मारे जाने से जल रहा मेघालय
प्रतिबंधित हाइनीट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व महासचिव चेस्टरफील्ड थांगखिव की मौत पुलिस की गोली से हो गई थी. थांगखिव ने आत्मसमर्पण कर दिया था. थांगखिव के मारे जाने के बाद से मेघालय में तनाव का माहौल है.
नई दिल्ली :
मेघालय हिंसा की आग में जल रहा है. एक उग्रवादी के मारे जाने के बाद से लोग भड़के हुए हैं. 15 अगस्त को उन्होंने राजधानी शिलांग और उसके आसपास इलाकों में तोड़फोड़ की. यहां तक की सीएम आवास पर दो पेट्रोल बम फेंका गया. बढ़ते हिंसा को देखते हुए शिलांग और उसके आसपास इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. प्रतिबंधित हाइनीट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व महासचिव चेस्टरफील्ड थांगखिव की मौत पुलिस की गोली से हो गई थी. थांगखिव ने आत्मसमर्पण कर दिया था. थांगखिव के मारे जाने के बाद से मेघालय में तनाव का माहौल है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राज्य में हाल में हुए सिलसिलेवार धमाकों के संबंध में जब उसके घर पर छापेमारी की गई. इस दौरान आत्मसमर्पण कर चुका उग्रवादी पुलिस पर चाकू से हमला किया. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में उसपर गोली चलानी पड़ी.
2018 में उग्रवादी ने किया था आत्मसमर्पण
प्रतिबंधित हाइनीट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व महासचिव चेस्टरफील्ड थांगखिव साल 2018 में आत्मसर्पण कर चुका था. थांगखिव उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन त्यसोंग के सामने अपने हथियार डाल दिए थे. एचएनएलसी भारत के दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के खिलाफ लड़ती है. वो खासी जैंतिया ट्राइबल कम्यूनिटी के लिए लड़ाई करती है. चेस्टरफील्ड थांगखिव एचएनएलसी के संस्थापक सदस्यों में एक था. HNLC की स्थापना 1987 में हुई थी.थांगखिव सबसे खतरनाक उग्रवादियों में से एक माना जाता था. इस संगठन के चेयरमैन जूलियस डोरफैंग और कमांडर इन चीफ बॉबी मरवीन भी एक खतरनाक उग्रवादी थे. जूलियस डोरफैंग ने 24 जुलाई 2007 को सरेंडर कर दिया था. थांगखिव ने भी 18 अक्टूबर 2018 को आत्मसर्पण कर दिया था.
केंद्रीय एजेंसी और संगठन के बीच बातचीत का जरिया था
बताया जा रहा है कि थांगखिव केंद्रीय एजेंसी और प्रतिबंधित संगठन के बीच बातचीत का जरिया था. वो मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था.
पुलिस ने हत्या की रची थी साजिश!
एक अखबार से बातचीत में एचएनएलसी के महासचिव कम प्रवक्ता साइनकूपर नोंगट्रा ने बताया कि थांगखिव मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था. आईबी और एसबी को भेजे गए सारे संदेश थांगखिव से होकर गए थे. हरमन पेकिन्टीन और ट्रेंग सा के साथ HNLC के जिन काडर ने सरेंडर किया था, वे लगातार थांगखिव को धमकी देते थे. और दोनों ने पुलिस के साथ मिलकर पूर्व महासचिव थांगखिव की हत्या की साजिश रची थी.