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कांग्रेस में हार पर फिर छिड़ी रार, उठने लगी आलाकमान पर अंगुलियां

पश्चिम बंगाल, असम, केरल से लेकर पुडुचेरी तक में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद अब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हो गई है.

News Nation Bureau
| Edited By :
03 May 2021, 03:38:42 PM (IST)

highlights

  • कांग्रेस में हार के बाद फिर उठने लगे विरोध के सुर
  • कई नेताओं ने पूछा मोदी की हार पर खुशी कब तक
  • हार पर आत्ममंथन क्यों नहीं से जुड़े प्रश्न फिर उठे

नई दिल्ली:

बिहार चुनाव परिणामों के आलोक में लेटर बम फूटने के बाद जिस ढुलमुल रवैये से कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने आंतरिक कलह को रोकने की कोशिश की, उसी वक्त यह साफ संकेत मिल गए थे कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन के बाद कांग्रेस (Congress) में नेतृत्व परिवर्तन और आत्ममंथन का जिन्न फिर निकलेगा. यही हुआ भी. पश्चिम बंगाल, असम, केरल से लेकर पुडुचेरी तक में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद अब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हो गई है. कई नेताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस कब तक पीएम मोदी या बीजेपी की हार पर खुश होती रहेगी. कब वह लगातार मिल रही असफलताओं से सबक सीखने की कोशिश करेगी. कांग्रेसी नेता पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं.

बंगाल में कांग्रेस का आत्मसपर्पण निराशाजनक
पार्टी के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने लीडरशिप पर निशाना साधते हुए कहा है कि बंगाल में कांग्रेस का आत्मसमर्पण बेहद निराशाजनक रहा है, जो कि अस्वीकार्य है. बंगाल में भी कांग्रेस उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु की राह पर चल पड़ी है. संजय झा ने बंगाल में 2016 का उदाहरण देते हुए कहा कि तब कांग्रेस को राज्य में 12.25 फीसदी वोट शेयर के साथ 44 सीटें मिली थीं. यही नहीं कांग्रेस में कॉरपोरेट कल्चर का भी उन्होंने आरोप लगाया. संजय झा ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा है, 'यदि कांग्रेस कॉरपोरेट है और एक सीईओ के द्वारा संचालन होता है तो फिर उसके पूरे बोर्ड को ही खुद से इस्तीफे दे देने चाहिए. शेयरहोल्डर्स को इसे खुशी के साथ स्वीकार करना चाहिए. नया सीईओ और नई टीम चुनी जानी चाहिए. यह कोई बड़ी बात नहीं है. अकेले प्रदर्शन ही मायने रखता है. बदलाव अच्छी चीज है.' 

बीजेपी के सत्ता में नहीं आने पर जश्न नहीं मनाएं
यही नहीं बीजेपी की असफलता पर कांग्रेस की खुशी पर भी संजय झा ने अपनी बात रखी है. संजय झा ने ट्वीट किया, 'मेरी कांग्रेस और उनके समर्थकों से अपील है कि बंगाल में बीजेपी के सत्ता में न आ पाने का जश्न मनाने में समय खराब न करें. सारांश यह है- बीजेपी ने असम जीता. पुडुचेरी में विजेता गठबंधन का हिस्सा बनी. बंगाल में मुख्य विपक्षी दल बनी. खुद पर फोकस करें. अपनी खामियों को दूर करें. यह संकट है.' यही नहीं केरल में भी कांग्रेस की पराजय पर सवाल उठाते हुए संजय झा ने कहा कि बंगाल में 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी टीएमसी वापस आ गई है. इसके अलावा बंगाल में बीजेपी ने अपनी ताकत को बढ़ा लिया है. विपक्ष में रहने के बाद भी कांग्रेस के पास बचाव के लिए कुछ नहीं है. इसके अलावा केरल में भी कांग्रेस मौके का फायदा नहीं उठा सकी है.

यदि हम (कांग्रेसी) मोदी की हार में ही अपनी खुशी ढूंढते रहेंगे, तो अपनी हार पर आत्म-मंथन कैसे करेंगे 🙄

— Dr. Ragini Nayak (@NayakRagini) May 2, 2021

मोदी की हार में कब तक ढूंढते रहेंगे खुशी
संजय झा के अलावा कांग्रेस की मौजूदा प्रवक्ता रागिनी नायक ने भी कांग्रेस के रवैये पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने ट्वीट किया है, 'यदि हम (कांग्रेसी) मोदी की हार में ही अपनी खुशी ढूंढते रहेंगे, तो अपनी हार पर आत्म-मंथन कैसे करेंगे.' हालांकि एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने राहुल गांधी की लीडरशिप पर भरोसे की बात भी कही है. रागिनी नायक ने लिखा है, नाउम्मीद नहीं दिल, नाकाम ही तो है. लम्बी है ग़म की शाम, मगर शाम ही तो है. इस शाम की सुबह होना तय है, बशर्ते हम 'जीत' को मछली की आंख मान कर संघर्षरत रहें. आखिरकार, देश में भाजपा के कुशासन का अंत करने का सामर्थ्य सिर्फ़ कांग्रेस में है और मोदी को हराने का दम राहुल गांधी में है.'

To lead without accountability is to enjoy the privilege without the responsibility. I wonder how long the Congress will continue thanking others for defeating the BJP?

— Akhil Sibal (@SibalAkhil) May 2, 2021

कब तक बीजेपी को हराने पर देंगे दूसरों को धन्यवाद
यही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अखिल सिब्बल ने भी कांग्रेस नेतृत्व पर ट्वीट कर सवाल उठाया है. अखिल सिब्बल ने लिखा है, 'बिना जवाबदेही के नेतृत्व करना, ऐसा ही है कि बिना जिम्मेदारी के विशेषाधिकारों का आनंद लिया जाए. मुझे आश्चर्य है कि आखिर कब तक बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस की ओर से दूसरों को शुक्रिया अदा किया जाता रहेगा.'