.

Congress President: खड़गे हों या थरूर... कुछ न कुछ होगा पहली बार, जानें

2000 में सोनिया गांधी ने 7,700 मतों में से 7,448 वोट हासिल कर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था. उनके खिलाफ खड़े हुए जितेंद्र प्रसाद को महज 94 मत ही मिले थे.

News Nation Bureau
| Edited By :
19 Oct 2022, 01:21:26 PM (IST)

highlights

  • बाबू जगजीवन राम के बाद मलिल्कार्जुन खड़गे कांग्रेस के दूसरे दलित अध्यक्ष होंगे
  • प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव से पहले पक्षपात का लगाया आरोप
  • बुधवार को भी थरूर के पोलिंग एजेंट ने धांधली का आरोप लगा उठाया गंभीर सवाल

नई दिल्ली:

इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश और अगले साल कुछ अन्य राज्यों के आसन्न विधानसभा चुनावों और उससे भी अहम 2024 लोकसभा चुनाव से पहले देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस (Congress) 'संजीवनी' हासिल करने की जद्देजेहद में हैं. इस बदलाव की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष पद पर गैर गांधी परिवार के किसी शख्स की ताजपोशी से होगी. इसके लिए सोमवार को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पार्टी की सबसे लंबी अवधि तक अध्यक्ष रहीं और दो दशकों से अधिक समय बाद कांग्रेस को गैर गांधी परिवार का अध्यक्ष मिलेगा. इस पद के लिए कांग्रेस आलाकमान के 'अनिधिकृत रूप से अधिकृत उम्मीदवार' मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) के बीच मुकाबला है. देखा जाए तो तमाम नाटकीय पेंचों से भरपूर कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत तय है. नए अध्यक्ष का नाम कुछ समय बाद सामने होगा और साथ ही उसके लिए शुरू हो जाएगा चुनौती भरा सफर. गौर करने वाली बात यह है कि खड़गे या थरूर में से अध्यक्ष कोई भी बने, कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) पद के लिए चुनावी मुकाबला और उसके परिणाम काफी कुछ 'पहली बार' अपने में समेटे होंगे. डालते हैं इस 'पहली बार' पर एक नजर

  • अपने अस्तित्व में आने के लगभग 130 साल के इतिहास में आजादी के बाद कांग्रेस के कमोबेश 40 अध्यक्ष हुए हैं. देश की इस सबसे पुरानी पार्टी ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी हिस्सा लिया. इस चुनाव में यदि मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष बनते हैं, तो बाबू जगजीवन राम के 50 साल बाद वह कांग्रेस के दूसरे दलित अध्यक्ष होंगे.
  • सोमवार को देश भर के कांग्रेस के 9 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने कांग्रेस का नए अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान किया.
  • 2000 में सोनिया गांधी ने 7,700 मतों में से 7,448 वोट हासिल कर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था. उनके खिलाफ खड़े हुए जितेंद्र प्रसाद को महज 94 मत ही मिले थे.
  • दो दशकों से अधिक समय बाद पहली बार हो रहा है कि कांग्रेस को गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष नहीं मिलेगा. फिलवक्त कांग्रेस अध्यक्ष पद अस्थायी रूप से सोनिया गांधी के पास है. 2019 लोकसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद राहुल गांधी के इस्तीफा देने और कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने को राजी नहीं होने के बाद से सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष हैं.
  • ऐसे में कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव में खड़े दोनों ही उम्मीदवारों को कांग्रेस की राजनीति का दशकों पुराना अनुभव है. शशि थरूर कांग्रेस नेता के साथ-साथ एक शानदार राजनयिक रहे हैं, तो 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे अपने पांच दशकों के राजनीतिक करियर में हालिया सालों से राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते आए हैं.
  • कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया दिग्गज कांग्रेसी मधुसूदन मिस्त्री की देखरेख में हो रही है. मतगणना के दिन शशि थरूर के पोलिंग एजेंट ने मतदान में धांधली का आरोप लगा चुनाव प्रक्रिया को दागदार बना दिया है. सोमवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में कांग्रेस अध्यक्ष पद की वोटिंग के बाद मतपेटियां दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय लाई गई थीं.
  • कांग्रेस अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया में राहुल गांधी के वोट डालने को लेकर शुरुआत में संशय था. राहुल गांधी फिलवक्त 'भारत जोड़ो यात्रा' में व्यस्त हैं. हालांकि उन्होंने वोट डाल लगाए जा रहे सारे कयासों पर पानी फेर दिया.
  • कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले ही कई विवाद खड़े हुए. इनमें से एक शशि थरूर के 'एकसमान खेल का मैदान नहीं' वाली विवादास्पद टिप्पणी से जुड़ा हुआ है. शशि थरूर का आरोप रहा है कि कई कांग्रेस प्रतिनिधि खुलेआम मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन कर रहे हैं. इनमें से एक प्रमुख नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी है, जो शुरुआत में कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बतौर प्रबल दावेदार थे.
  • परदे के पीछे इस बात की सरगोशी रही है कि मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के पसंदीदा हैं. इस पर खड़गे ने कई बार सफाई दी. सोमवार को वोटिंग से पहले भी उन्होंने कहा, 'गांधी परिवार ने देश के लिए बहुत कुछ अच्छा किया है और उनकी सलाह पार्टी के लिए लाभप्रद साबित होगी. ऐसे में मैं उनसे सलाह-मशविरा करने के अलावा सहयोग की अपेक्षा भी रखता हूं. इसमें कोई शर्म की बात नहीं हैं. अगर मीडिया की कोई सलाह अच्छी लगती है, तो उसे मानता हूं. ऐसे में गांधी परिवार ने पार्टी के लिए भी बहुत कुछ किया है, तो उनसे सलाह-मशविरा करना मेरा कर्तव्य भी हो जाता है.'
  • इस बीच #Tharoorfortomorrow के हैशटैग से प्रचार अभियान चलाने वाले खड़गे के प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर लगातार पार्टी में सुधार लाने की बात कर रहे हैं.. शशि थरूर कांग्रेस के असंतुष्ट गुट जी-23 के प्रमुख नेता हैं, जिन्होंने भारी पैमाने पर बदलाव के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. हालांकि रोचक बात यह है कि जी-23 समूह के सभी नेताओं का समर्थन शशि थरूर को नहीं मिला है.