स्मार्टफोन का जीपीएस अब बनेगा और स्मार्ट
यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के डॉ. रॉबर्ट ओडोलिन्सकी ने कहा, 'यह गणित का कमाल है, जिसे हमने लागू किया है, जोकि कम लागत वाली तकनीक है, जिससे स्मार्टफोन का प्रयोग जीएनएसएस संकेतों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।'
नई दिल्ली:
वैज्ञानिकों की एक टीम स्मार्टफोन में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की सटीकता में सुधार करने में सफल रही है। चार अलग-अलग ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) से सिग्नल के संयोजन से, न्यूजीलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के कर्टिन यूनिवर्सिटी के सहयोग से प्रदर्शित किया कि एक स्मार्टफोन पर सेंटीमीटर (सेमी)-स्तर तक की सटीक स्थिति प्राप्त करना संभव है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के डॉ. रॉबर्ट ओडोलिन्सकी ने कहा, 'यह गणित का कमाल है, जिसे हमने लागू किया है, जोकि कम लागत वाली तकनीक है, जिससे स्मार्टफोन का प्रयोग जीएनएसएस संकेतों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।'
नए तरीके से दो फ्रिक्वेंसियों में से केवल एक का प्रयोग किया जाता है, जबकि ज्यादा आंकड़े उपग्रहों की मदद से इकट्ठा किए जाते हैं, जिसे 'मल्टी-कंस्टेलेशन' जीएनएसएस सोल्यूशन नाम दिया गया है।
इसमें अतिरिक्त डेटा के साथ गणित के चतुराईपूर्ण इस्तेमाल से लागत में बढ़ोतरी किए बिना पोजिशंस में सुधार किया जा सकता है।