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India's Private Rocket Vikram-s: देश के पहले निजी रॉकेट Vikram-S के बारे में जाने सबकुछ

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ISRO की कामयाबी में आज नया सितारा जुड़ गया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
18 Nov 2022, 12:29:44 PM (IST)

New Delhi:

Indias First Private Rocket Vikram-s: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ISRO की कामयाबी में आज नया सितारा जुड़ गया है. ये सितारा है देश का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस (Vikram-S). इसरो लगातार अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है. फिर चाहे वो मंगलयान हो, चंद्रयान हो या फिर मानव रहित गगनयान हो. स्पेस वर्ल्ड में अब दुनिया भारत का लोहा मान रही है. इसी कड़ी में अब इसरो ने नई उड़ान भरी है ये उड़ान है प्राइवेट रॉकेट विक्रम एस की.  भारत का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से लॉन्च किया गया. इसका निर्माण स्काईरूट एयरोस्पेस की ओर से किया गया है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस, कैसे पड़ा इसका नाम और इससे जुड़ी हर जरूरी बात. 


केंद्रीय मंत्री ने बताया ऐतिहासिक मोड़

देश के पहले निजी रॉकेट की लॉन्चिंग के दौरान केंद्रीय जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से इस लॉन्चिंग का एक वीडियो भी साझा किया और इस पल को स्पेस के क्षेत्र में ऐतिहासिक मोड़ बताया. 

कैसे पड़ा प्राइवेट रॉकेट का नाम Vikram-S

देश के पहले प्राइवेट रॉकेट के नामकरण की भी खास वजह है. दरअसल इस रॉकेट के नाम देश के मशहूर वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO के संस्थापक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है. इस रॉकेट के निर्माण स्टार्टअप कंपनी स्कायरूट ने रखा है. 

India's first ever private rocket Vikram-S, named after Vikram Sarabhai, launched from Sriharikota in Andhra Pradesh. The rocket has been built by "Skyroot Aerospace". pic.twitter.com/DJ9oN0LPfH

— ANI (@ANI) November 18, 2022

विक्रम -एस की बड़ी बातें

  • 2018 में शुरू किया गया इस रॉकेट का निर्माण
  • 4 वर्ष में बनकर तैयार हुआ देश का पहला प्राइवेट रॉकेट 
  •  545 किलोग्राम वजन है इस निजी रॉकेट का
  • 101 किमी की ऊंचाई समंदर में गिरने से पहले हासिल करेगा
  • 300 सेकेंड का वक्त इस प्रक्रिया में लगेगा

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विक्रम-एस से क्या होगा फायदा

देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस को इसरो के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है. दरअसल विक्रम-एस अपने मिशन में सफल होता है तो भारत प्राइवेट स्पेस कंपनी के रॉकेट लॉन्चिंग को लेकर दुनिया में अपनी बड़ी आमद दर्ज करा लेगा. 

यही नहीं विक्रम-एस में इस्तेमाल किया गया ईंधन आम ईंधन नहीं है. बल्कि इसकी बजाय इसमें एलएनजी यानी लिक्विड नेचुरल गैस एवं एलओएक्स यानी लिक्विड ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया है. इसका मतलब है कि ये ईंधन काफी किफायती है. ऐसे में आने वाले समय में इसकी सफलता से ना सिर्फ रिसर्च में फायदा होगा बल्कि लागत में भी कमी आएगी. 

इस मिशन में दो स्वदेशी और तीन विदेशी पेलोड ले जाए जाएंगे. यही नहीं इस प्रक्षेपण यान में इस्तेमाल इंजन का नाम पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कलाम-80 रखा गया है.