गूगल ने डूडल के जरिए नार्वे के खोजकर्ता फ्रिटजॉफ को दी श्रद्धांजलि
गूगल ने मंगलवार को नार्वे के दिग्गज खोजकर्ता फ्रिटजॉफ नानसेन की जयंती पर उन्हें डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी। नार्वे के ओस्लो में 1861 में जन्मे नानसेन 1888 में बर्फ से ढके ग्रीनलैंड पहुंचने वाले अभियान का नेतृत्व करने वाले पहले व्यक्ति बने।
नई दिल्ली:
गूगल ने मंगलवार को नार्वे के दिग्गज खोजकर्ता फ्रिटजॉफ नानसेन की जयंती पर उन्हें डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी। नार्वे के ओस्लो में 1861 में जन्मे नानसेन 1888 में बर्फ से ढके ग्रीनलैंड पहुंचने वाले अभियान का नेतृत्व करने वाले पहले व्यक्ति बने।
इसके कुछ साल बाद ही नानसेन ने उत्तरी ध्रुव तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति बनने का प्रयास भी किया। गूगल ने कहा, 'हालांकि, वह अभियान असफल रहा था, लेकिन वह उस समय के किसी अन्य खोजकर्ता के मुकाबले उत्तर के अक्षांश में कहीं ज्यादा आगे तक गए थे।'
वर्ष 1914 में प्रथम विश्व युद्ध छिड़ने पर नानसेन ने घर पर शोध कार्य करने पर ध्यान केंद्रित किया।
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साल 1920 तक उनका ध्यान अंतर्राष्ट्रीय भूभागों को समझने से हटकर अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक माहौल को प्रभावति करने की ओर आकर्षित हो गया।
उन्होंने 'नानसेन' पासपोर्ट बनाया, जो एक ऐसा यात्रा दस्तावेज था जो शरणार्थियों को दूसरे देशों में आश्रय लेने और बसने की अनुमति देता था। नानसेन को 1922 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नानसेन का निधन 13 मई 1930 को हुआ।
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