.

Google ने Charles Michel De l'Epee का बनाया Doodle, जानें क्यों थे ये खास

गूगल हमेशा ही देश-विदेश के महान व्यक्तियों को उनका खास डूडल बना कर उनके सालगिरह पर उनको याद करता है.

News Nation Bureau
| Edited By :
24 Nov 2018, 09:38:02 AM (IST)

नई दिल्ली:

गूगल हमेशा ही देश-विदेश के महान व्यक्तियों को उनका खास डूडल बना कर उनके सालगिरह पर उनको याद करता है. इसी क्रम में आज भी जब आप अपने गूगल पेज पर जाएंगे तो एक नया डूडल पाएंगे. आज के डूडल में कुछ बच्चे इशारों में बात करते नजर आएंगे. दरअसल यह इसलिए क्योंकि आज फ्रांस के चार्ल्स-मिशेल डी एल एपी की सालगिरह है. चार्ल्स को बधिर(न सुन पाने वाले) बच्चों के पिता "Father of the Deaf" की संज्ञा दी गई है. चार्ल्स ने फ्रांस में सबसे पहले सुनने में अक्षम बच्चों के लिए पहला स्कूल खोला था. उन्होंने ही सबसे पहले ऐसे बच्चों के लिए साइन लेंगवेज की खोज की थी. चार्ल्स ने अपना सम्पूर्ण जीवन ऐसे बच्चों को सर्मपित कर दिया था. चार्ल्स-मिशेल डी एल एपी को श्रवण-दिव्यांग को पढ़ाने की व्यवस्थित विधि बनाने का श्रेय भी दिया जाता है.

यह भी पढ़ें- तबला वादक लच्छू महाराज का 74वां जन्मदिन, गूगल ने डूडल बना कर किया याद

आज चार्ल्स के 306वें जन्मदिन पर, Google ने डूडल बना कर इस संदेश को दिया है कि श्रवण-दिव्यांग लोग सीखने में असमर्थ नहीं हैं. 1712 में वर्साइल्स में पैदा हुए, चार्ल्स पेरिस में दान के काम पर ध्यान केंद्रित करने से पहले धर्मशास्त्र और कानून का अध्ययन किया था. उनके पिता एक आर्किटेक्ट थे. 


गौरतलब है कि चार्ल्स उन लोगों के लिए एक मसीहा थे जो सुन नहीं सकते थे. साथ ही बधिर बच्चों को अपना जीवन समर्पण करने के चलते हम चार्ल्स-मिशेल डी एल एपी को हमेशा याद रखेंगे.