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गगनयान मिशन से पहले अंतरिक्ष जाएंगी व्योममित्र, इसरो ने जारी किया वीडियो

ये ह्यूमनॉइड अंतरिक्ष जाकर इसरो को रिपोर्ट करेगी उन्होंने बताया कि हम प्रयोग के तौर पर ऐसा कर रहे हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
22 Jan 2020, 07:19:51 PM (IST)

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (isro) ने प्रयोग के तौर पर अंतरिक्ष में एक मानवरहित मिशन गगयान भेजने वाले हैं. बुधवार को इसरो ने इस प्रयोग में भेजी जाने वाली रोबोट ह्यूमनॉइड व्योममित्रा का वीडियो जारी किया है. इस ह्यूमनॉइड के बारे में इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने मीडिया को बताया. सैम दयाल ने कहा कि यह ह्यूमनॉइड मानव की तरह व्यवहार करने की कोशिश करेगी. ये ह्यूमनॉइड अंतरिक्ष जाकर इसरो को रिपोर्ट करेगी उन्होंने बताया कि हम प्रयोग के तौर पर ऐसा कर रहे हैं.

आपको बता दें कि साल 1984 में भारत के राकेश शर्मा पहली बार अंतरिक्ष यान में बैठकर अंतरिक्ष पहुंचे चुके हैं. लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने इस बार भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष यान में बैठाकर स्पेस भेजने का फैसला किया है. इसरो चीफ के सिवन ने बताया कि, गगनयान के अंतिम मिशन से पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में अंतरिक्ष में ह्मेनाइड जैसे रोबोट भेजे जाएंगे. आपको बता दें कि दुनिया के कई देश पहले ही अपने अंतरिक्ष मिशन में जानवरों को भेज चुके हैं.

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ह्मेनाइड अंतरिक्ष पहुंचकर शरीर के तापमान और दिल की धड़कनों से जुड़े हुए टेस्ट करेंगे. सिवन ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए जनवरी के अंत में ही 4 चुने हुए एस्ट्रोनॉट्स ट्रेनिंग के लिए रूस भेजे जाएंगे. सिवन ने कहा कि, हमें मालूम है कि आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकि विकास, युवाओं को प्रेरणा और वैज्ञानिक खोज करना दुनिया के सभी देशों का लक्ष्य है. किसी भारतीय द्वारा अंतरिक्ष की यात्रा इन सभी प्रेरणाओं के लिए सबसे बेहतरीन प्लेटफॉर्म है.

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क्या होते हैं ह्मेनाइड और कैसे करते हैं काम
ह्मेनाइड का नाम सुनकर हर किसी के मन में एक तरह की जिज्ञासा है कि यह क्या है और कैसे काम करता है. तो चलिए अब हम आपको यह बता ही देते हैं. ह्मेनाइड एक तरह के रोबोट हैं, जो इंसान की तरह चल-फिर सकते हैं और मानवीय हाव-भाव को भी समझ भी सकते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग के जरिए ह्मेनाइड आपके सभी सवालों के जवाब भी दे सकते हैं. ह्मेनाइड दो प्रमुख हिस्सों में बंटा होता है, जो उन्हें इंसान की तरह हर बात की प्रतिक्रिया देने और मानवों की तरह चलने फिरने में मदद करते हैं. इन दोनों हिस्सों को सेंसर्स और एक्च्यूएटर्स के नाम से जाना जाता है.