...तो नहीं होगा चंद्रयान-3 लैंड! जानें क्या है 3 बड़ी चुनौती?
उस आखिरी 15 मिनट की कहानी, जब हमारे देश का गौरव चंद्रयान-3 चांद पर लैंड करेगा, मगर इस आर्टिकल में जिक्र है कुछ ऐसी चुनौतियों का जिसे उसे पार करना होगा...
नई दिल्ली:
दिल थाम लो... बस अब कुछ घंटों का और इंतजार, फिर दुनिया देखेगी भारत का दम. दरअसल भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन, चंद्रयान-3 आज यानि 23 अगस्त 2023 को बुधवार शाम चांद को मुट्ठी में करने को तैयार है. आज हमारा चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की अपनी पहली कोशिश करने जा रहा है. अगर सब कुछ सटीक ढंग से, तय योजना के अनुसार हुआ, तो आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर पर भारत इतिहास रच देगा...
हालांकि चांद पर लैंडिग के वक्त हमारे सामने 3 बड़ी चुनौतियां हैं, जिसे अगर सही समय-सही तरीके और सही योजना के अनुसार पार कर लिया गया, तो चांद पर हमारी जीत तय है. ऐसे में आइये 140 करोड़ भारतीयों की आस लिए इतिहास रचने की ओर बढ़ रहे हमारे चंद्रयान-3 की उन तमाम चुनौतियों को समझें...
चुनौती भरे आखिरी 15 मिनट...
1. सरल लैंडिंग
चांद की सतह बेहद कठोर होने के नाते चंद्रयान 3 की क्रैश लैंडिंग की संभावना है. ऐसे में अगर लैंडिंग के दरमियान इसकी रफ्तार को कम नहीं किया गया, तो मुश्किल होगी. हालांकि इसरो इसके लिए पूरी कोशिश में है, मगर चंद्रयान 3 के आखिरी मिनटों में ये सबसे बड़ी चुनौती है. दरअसल चांद पर वातावरण की कमी के चलते चंद्रयान 3 को धीमा करना, बेहद मुश्किल है. ऐसे में अगर तय वक्त पर यान का सिस्टम चांद की गुरुत्वाकर्षण को समझने और संचार बरकरार रखने में सक्षम रहता है, तो हमारा चंद्रयान 3 मिशन सफल हो सकता है.
2. अत्यधिक तापमान
चंद्रयान 3 के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती होगी चांद का तापमान. सफल लैंडिंग के दरमियान या उसके बाद चंद्रयान 3 के लैंडर और रोवर को चांद के अत्यधिक तापमान से दो-चार होना पड़ेगा. बता दें कि ये तापमान दिन में करीब 54 डिग्री सेल्सियस तक, वहीं रात में -203 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है.
3. चांद की धूल
चंद्रयान 3 की सफलता के सामने तीसरी सबसे बड़ी चुनौती है चांद की धूल. दरअसल चंद्रयान 3 चांद पर लैंडिंग के दौरान फायरिंग इंजनों का उपयोग करेगा, जिससे अत्यधिक तापमान वाली गर्म हवाएं निकलेंगी. ऐसे में गर्म गैसों और धूल का उल्टा प्रवाह होने के चलते, सिस्टम के बाधित होने का खतरा है.
इसरो ने चंद्रयान 3 से जुड़ी खास जानकारी दी है, जिसके मुताबिक मिशन तय समय पर है, सभी सिस्टम योजना के मुताबिक काम कर रहे हैं. अगर सबकुछ ठीक रहा, तो चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद पर लैंडिंग कर जाएगा, जिसके कुछ घंटों बाद, प्रज्ञान नाम का रोवर इसके पेट से बाहर निकलेगा. बता दें कि भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन को आप शाम 5:27 बजे से इसरो की आधिकारिक वेबसाइट पर लाइव देख सकते हैं.