चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने खोला चांद का राज, जानें क्यों चंद्रमा पर है दाग
चंद्रमा के दाग का राज चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर (Orbiter) ने खोल दिया है. ऑर्बिटर (Orbiter) ने जो चांद की जो नईं तस्वीरें भेजी हैं
नई दिल्ली:
चंद्रमा के दाग का राज चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर (Orbiter) ने खोल दिया है. ऑर्बिटर (Orbiter) ने जो चांद की जो नईं तस्वीरें भेजी हैं उससे यह खुलासा हुआ है कि चांद पर दाग क्यों है? ऑर्बिटर (Orbiter) में लगे दोहरी तीव्रता वाले सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) ने जो तस्वीरें भेजीं हैं उसके अध्ययन से पता चलता है कि चांद की सतह पर लगातार उल्का पिंडों, क्षुद्र ग्रहों और धूमकेतुओं की जबरदस्त बमबारी हुई. इसी के चलते चांद की सतह पर अनगिनत संख्या में विशाल गड्ढे बन गए.
इसरो के मुताबिक चांद पर गोलाकार और विशाल कटोरे गड्ढे क्षुद्र ग्रहों, उल्का पिंडों और धूमकेतुओं की बमबारी की वजह से बने हैं. चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के रडार ने यह भी जानकारी जुटाई है कि ज्वालामुखी वाले गड्ढों बनने की वजह चांद में अंदरूनी टकराव और विस्फोट हैं.
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चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के रडार ने यह भी अध्ययन किया है कि चांद की सतह के इन ज्वालामुखी वाले गड्ढों की प्रकृति, आकार, वितरण और उसके बनने में किन तत्वों की अहम भूमिका है. चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के कैमरों ने गड्ढों की भौतिक बनावट की तस्वीरें भी लेने में कामयाबी पाई है.
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बता दें इससे पहले इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान-1 और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चांद की सतह पर गड्ढों की बनावट के बारे में जो जानकारी भेजी थी, वह पर्याप्त नहीं थी. अब चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के रडार ने विस्तार से जानकारी दी है.
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चांद के दक्षिणी ध्रुव की एल बैंड कैमरे से ली गई तस्वीर में कुछ यूं उल्का पिंडों, क्षुद्र गहों, धूमकेतुओं की बमबारी से बने गड्ढों को लाल रंग से दर्शाया गया है. इस तस्वीर के मुताबिक चांद की सतह पर नियमित अंतराल पर विशालकाय पिंडों की बौछारें पड़ीं.
नीले रंग से घेरे यह दर्शाया गया है कि सतह पर रुक-रुककर पिंडों की बारिश हुई. वहीं, हरे रंग से यह दर्शाया गया है कि व्यापक मात्रा में पिंडों की बमबारी हुई.
दूसरी तस्वीर में दक्षिणी ध्रुवों पर चांद की सतह पर बने गड्ढे से हर ओर पिंडों की बौछारों के निशान हैं. गड्ढों की दीवारें आकर्षक रूप में नजर आ रही हैं.